Saturday, February 22, 2025

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने राजनीतिक दबाव के बाद दिया इस्तीफा

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के देर से इस्तीफा देने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी आंखें तब खोलीं जब राजनीतिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। यह इस्तीफा मणिपुर में दो साल तक चली हिंसा और अशांति के बाद आया है।

आईएएनएस से बातचीत में चतुर्वेदी ने कहा, “इस्तीफा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद दिया गया। मुख्यमंत्री को अंदाजा हो गया था कि उनके अपने विधायक भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर सकते हैं और इससे उनका राजनीतिक समर्थन कमजोर हो सकता है। इस राजनीतिक अस्थिरता और संभावित शर्मिंदगी से बचने के लिए उन्होंने मजबूरी में इस्तीफा दिया।”

उन्होंने आगे कहा, “अब जाकर आंखें खुल गईं और कान भी सुनने लगे।”

दो साल तक हिंसा के बावजूद देरी से फैसला

प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा दो साल की हिंसा के बाद आया। उन्होंने कहा, “मणिपुर को पिछले दो सालों से इस इस्तीफे का इंतजार था। इस दौरान राज्य में कई हिंसक घटनाएं हुईं, समाज दो गुटों में बंट गया, हिंसा में कई लोगों की जान गई और महिलाओं का शोषण हुआ।”

उन्होंने मणिपुर में बढ़ती हिंसा और सरकार की देरी से प्रतिक्रिया पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “दो साल तक राज्य हिंसा की चपेट में रहा। कई लोगों की जान चली गई, महिलाओं को प्रताड़ना झेलनी पड़ी, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। और अब जब राजनीतिक संकट बढ़ा, तब जाकर इस्तीफा दिया गया।”

इस्तीफे से पहले का घटनाक्रम

रविवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस्तीफे से पहले मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण उनकी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। मई 2023 में मैती और कुकी-जोस समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा के चलते राज्य में हालात बिगड़ गए थे, जिससे उनकी सरकार पर दबाव बढ़ता गया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, लेकिन उन्होंने अनुरोध किया कि बीरेन सिंह तब तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहें जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती।

इस्तीफे के समय भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा भी उनके साथ मौजूद थे। इस दौरान बीरेन सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ बैठक भी की थी।

दिल्ली चुनाव और कांग्रेस की स्थिति पर टिप्पणी

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के हाल ही में हुए दिल्ली चुनावों के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यह लड़ाई आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच थी, जिसमें कांग्रेस बीच में फंस गई। इस पूरी प्रक्रिया में हमने दूसरों को फायदा उठाने का मौका दे दिया। कांग्रेस ने भले ही कुछ बढ़त हासिल की हो, लेकिन आखिरकार भाजपा जीतने में सफल रही, और उन्होंने एक संगठित और केंद्रित अभियान के साथ यह किया।”

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