सोमवार को भारतीय रुपया 44 पैसे गिरकर 87.9400 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25% टैरिफ लगाने की योजना को माना जा रहा है, जिससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ गई है।
हालांकि, शुक्रवार को भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रमुख ऋण दर में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद रुपये में थोड़ी मजबूती देखी गई थी। इसके बावजूद, डॉलर की मजबूती के चलते रुपये पर दबाव बना रहा।
डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख विदेशी मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मूल्य को दर्शाता है, 0.26% बढ़कर 108.32 पर पहुंच गया। इस मजबूती के कारण अन्य वैश्विक मुद्राओं के साथ-साथ भारतीय रुपये पर भी असर पड़ा।
सुबह 9:36 बजे, घरेलू मुद्रा 0.55% की गिरावट के साथ 87.9050 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रही थी। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है, तो रुपये पर और दबाव देखा जा सकता है।