तेलंगाना सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों में नियमित शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है। यह निर्णय उच्च शिक्षा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत लिया गया है।
28 जनवरी को तेलंगाना उच्च शिक्षा परिषद (TGCHE) की सचिव योगिता राणा द्वारा एक सरकारी आदेश (GO) जारी किया गया। इस आदेश में स्पष्ट किया गया कि राज्य के विश्वविद्यालयों में UGC वेतनमान प्राप्त करने वाले शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु अब 65 वर्ष होगी।
अनुभवी शिक्षकों की कमी को देखते हुए लिया गया निर्णय
सरकार ने यह कदम उच्च शिक्षा विभाग के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उठाया है। राज्य के विश्वविद्यालयों में अनुभवी शिक्षकों की भारी कमी देखी जा रही थी, क्योंकि पिछली भर्ती 2013 में हुई थी। इस शिक्षकों की कमी के कारण विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी और NAAC, NBA, NIRF जैसी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मान्यताओं और रैंकिंग प्राप्त करने में कठिनाई हो रही थी।
शोध और शिक्षण गुणवत्ता को बढ़ावा देने का उद्देश्य
तेलंगाना उच्च शिक्षा परिषद (TGCHE) ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षण, शोध और शैक्षणिक मानकों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए वरिष्ठ शिक्षकों की उपस्थिति आवश्यक थी। इसलिए, यह निर्णय लिया गया कि अनुभवी शिक्षकों को सेवा में बनाए रखा जाए, जिससे शैक्षणिक वातावरण समृद्ध हो सके।
किसे मिलेगा इस आदेश का लाभ?
सरकारी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि बढ़ी हुई सेवानिवृत्ति आयु केवल उन शिक्षकों पर लागू होगी जो 2016 में UGC द्वारा संशोधित वेतनमान प्राप्त कर चुके हैं। यह नियम तेलंगाना उच्च शिक्षा परिषद (TGCHE) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत संचालित राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों पर लागू होगा।
सरकार के इस फैसले से शिक्षकों को लाभ मिलेगा और साथ ही राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को भी मजबूती मिलेगी।