महाकुंभ के दौरान बुधवार को संगम पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जब मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़ पड़े। इस अफरा-तफरी में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए।
अखाड़ों ने अमृत स्नान किया रद्द
घटना के बाद अखाड़ों ने अपने पारंपरिक ‘अमृत स्नान’ को रद्द करने का निर्णय लिया, हालांकि संगम और अन्य घाटों पर श्रद्धालु स्नान करते रहे।
घटना का कारण और प्रशासन की प्रतिक्रिया
मेले के विशेष कार्य अधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया, “संगम में एक अवरोधक टूटने के कारण कुछ लोग घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन हमें अभी घायलों की सही संख्या की जानकारी नहीं मिली है।”
अस्पतालों में अफरा-तफरी
करीब दोपहर 2 बजे, एंबुलेंस और पुलिस वाहनों के सायरन कुंभ मेला क्षेत्र में गूंजने लगे। इस दौरान लाउडस्पीकरों से मंत्रोच्चारण और श्लोकों की ध्वनि भी सुनाई देती रही। घायलों को मेला क्षेत्र में स्थापित केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके रिश्तेदारों और प्रशासनिक अधिकारियों की भीड़ जमा हो गई।
श्रद्धालुओं का दर्द
कर्नाटक से आई सरोजिनी नामक महिला, जो अस्पताल के बाहर रो रही थीं, ने बताया, “हम 60 लोगों के समूह में दो बसों से आए थे। भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे हममें से कई लोग गिर गए। चारों ओर से धक्के पड़ रहे थे, भागने का कोई रास्ता नहीं था।”
प्रशासन की ओर से स्थिति पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन हादसे ने मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।