एक संघीय न्यायाधीश ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा संघीय वित्त पोषण में खरबों डॉलर की राशि को रोकने के निर्देश को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह आदेश उस निर्देश के प्रभावी होने से कुछ ही मिनट पहले जारी किया गया, जो ट्रम्प के प्रबंधन और बजट कार्यालय (OMB) के कार्यवाहक प्रमुख मैथ्यू वेथ द्वारा जारी किया गया था। इस निर्देश में सभी संघीय एजेंसियों को सरकारी वित्तीय सहायता वितरित करने से संबंधित गतिविधियों को रोकने का आदेश दिया गया था। इसे ट्रम्प प्रशासन द्वारा विविधता, समानता और समावेश (DEI) पर केंद्रित कार्यक्रमों को समाप्त करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा था।
न्यायालय का निर्णय
मंगलवार को अमेरिकी जिला न्यायाधीश लॉरेन एल. अलीखान ने संघीय वित्त पोषण पर निर्भर गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा दायर मुकदमे पर सुनवाई करते हुए इस रोक को अस्थायी रूप से हटा दिया। यह निर्णय कम से कम 3 फरवरी तक प्रभावी रहेगा, जब इस मामले पर आगे की अदालती कार्यवाही होगी।
इस फैसले से पहले, राज्य अधिकारियों और संगठनों में चिंता और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, क्योंकि वे यह समझने के लिए संघर्ष कर रहे थे कि किन कार्यक्रमों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में संभावित बाधाओं को लेकर विशेष रूप से चिंता व्यक्त की जा रही थी।
कैनसस में शॉनी मिशन स्कूल डिस्ट्रिक्ट के प्रवक्ता डेविड स्मिथ ने एसोसिएटेड प्रेस (AP) को बताया, “यह सब बहुत अचानक हुआ।”
रोक के पीछे का कारण
संघीय निधि पर लगाई गई यह रोक ट्रम्प प्रशासन द्वारा सरकारी पहलों की व्यापक समीक्षा का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य सरकारी कार्यक्रमों का पुनर्मूल्यांकन करना और उन नीतियों को समाप्त करना था जो प्रगतिशील विचारों को बढ़ावा देती हैं। मैथ्यू वेथ द्वारा जारी ज्ञापन में संघीय एजेंसियों को निर्देश दिया गया कि वे ट्रम्प के कार्यकारी आदेशों के अनुरूप अपने कार्यक्रमों की समीक्षा करें और “मार्क्सवादी समानता”, “ट्रांसजेंडरवाद” और अन्य सामाजिक रूप से प्रगतिशील नीतियों से संबंधित कार्यक्रमों को निलंबित करें।
इस समीक्षा के तहत आदिवासी कार्यबल विकास और विशेष शिक्षा कार्यक्रमों सहित कई संघीय पहलों को भी जांच के दायरे में रखा गया है। प्रत्येक संघीय एजेंसी को यह रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है कि क्या उनके कार्यक्रम लिंग विचारधारा या गर्भपात जैसे विषयों का समर्थन करते हैं। उन्हें इस बारे में अपनी रिपोर्ट 7 फरवरी तक प्रस्तुत करनी होगी।
यदि निधि पर रोक जारी रहती है तो क्या होगा?
यदि यह रोक जारी रहती है, तो इसका प्रभाव स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और अन्य आवश्यक सरकारी कार्यक्रमों पर पड़ सकता है। इससे कैंसर अनुसंधान, खाद्य सहायता और संघीय छात्र वित्तीय सहायता जैसे कार्यक्रम बाधित हो सकते हैं।
प्रतिक्रियाएँ
व्हाइट हाउस ने अभी तक न्यायालय के इस निर्णय पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि संघीय व्यय को ट्रम्प की प्राथमिकताओं के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए यह रोक आवश्यक थी।
डेमोक्रेट्स ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे “असंवैधानिक” और “जरूरी सेवाओं के लिए हानिकारक” करार दिया है।
सीनेट के बहुमत नेता चक शूमर ने इसे “औसत अमेरिकी परिवारों के दिल पर खंजर” बताया, जबकि अन्य डेमोक्रेट्स ने यह तर्क दिया कि राष्ट्रपति ट्रम्प के पास कांग्रेस द्वारा स्वीकृत निधि को एकतरफा रूप से रोकने का अधिकार नहीं है।
निधि रोक के खिलाफ, 22 राज्यों और कोलंबिया जिले के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल ने एक मुकदमा दायर किया, जिसका उद्देश्य प्रशासन को संघीय निधियों को रोकने से स्थायी रूप से प्रतिबंधित करना है।
इसके अलावा, गैर-लाभकारी संगठनों, व्यवसायों और अन्य प्रभावित समूहों ने भी इस रोक का विरोध किया है और इसे “असंवैधानिक” बताते हुए कहा है कि इससे लाखों अमेरिकियों को नुकसान होगा।
प्रभाव और आगे की स्थिति
न्यायालय के फैसले से पहले ही इस रोक ने महत्वपूर्ण व्यवधान पैदा कर दिया था। विभिन्न एजेंसियों और संगठनों ने मेडिकेड प्रतिपूर्ति पोर्टल में समस्याओं की सूचना दी, जो कम आय वाले अमेरिकियों के लिए स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
हालांकि, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने आश्वासन दिया कि अभी तक किसी भी भुगतान पर प्रभाव नहीं पड़ा है। लेकिन महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों के भविष्य को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।
आने वाले हफ्तों में इस मामले की सुनवाई और ट्रम्प प्रशासन की अगली कार्रवाई यह तय करेगी कि संघीय वित्त पोषण पर यह रोक जारी रहेगी या नहीं।