24 जनवरी को आईटी कंपनी साइएंट के शेयरों में 19% से अधिक की गिरावट आई। कंपनी के लिए कई नकारात्मक घटनाक्रमों ने निवेशकों की धारणा को बुरी तरह प्रभावित किया।
कमजोर तिमाही प्रदर्शन
सबसे पहले, साइएंट के तीसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से काफी कमजोर रहे। इसके साथ ही, कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के राजस्व वृद्धि के अपने दिशा-निर्देशों में कटौती कर दी। पहले जहां कंपनी ने स्थिर वृद्धि की उम्मीद जताई थी, अब उसने -2.7% की गिरावट का अनुमान दिया है।
सीईओ का इस्तीफा
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कार्तिकेयन नटराजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, प्रमोटर कृष्णा बोडानापु ने अंतरिम सीईओ के रूप में जिम्मेदारी संभाली। यह घटनाक्रम भी निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया।
ब्रोकरेज फर्मों की प्रतिक्रिया
इस स्थिति के कारण कई ब्रोकरेज फर्मों ने कंपनी के आय अनुमानों और शेयर के लक्ष्य मूल्यों में कटौती की।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा, “कमजोर प्रदर्शन और मार्गदर्शन में कटौती ने वित्त वर्ष 2026 के विकास की संभावनाओं को और खराब कर दिया है। हालांकि शेयर का सस्ता मूल्यांकन गिरावट को रोक रहा है, लेकिन हम साइएंट पर नकारात्मक बने हुए हैं।”
फर्म ने वित्त वर्ष 2025 और 2026 के लिए ईपीएस (प्रति शेयर आय) अनुमान में क्रमशः 10.8% और 4.5% की कटौती की है। इसके साथ ही, शेयर का लक्ष्य मूल्य घटाकर 1,660 रुपये कर दिया गया है और ‘सेल’ कॉल को बरकरार रखा है।
वित्तीय प्रदर्शन
साइएंट के विकास मार्गदर्शन में कटौती का मुख्य कारण तीसरी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 31.56% घटकर 127.7 करोड़ रुपये रहना है, जो पिछली तिमाही में 186.6 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी का राजस्व मामूली 0.5% बढ़कर 1,909.8 करोड़ रुपये पर पहुंचा।
विश्लेषकों की अन्य टिप्पणियां
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने भी कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजों को “इन-लाइन” बताया। हालांकि, उसने मार्गदर्शन में कटौती, कमजोर निकास दर और सीईओ के इस्तीफे को नकारात्मक संकेतक बताया। इसके कारण एचडीएफसी ने अपने राजस्व अनुमान में 2% और ईपीएस अनुमान में 5% की कटौती की है।
निवेशकों की चिंता
कंपनी के कमजोर प्रदर्शन, प्रबंधन में बदलाव और वित्तीय अनुमान में गिरावट के चलते साइएंट के शेयरों ने जोरदार गिरावट दर्ज की। सुबह 10:04 बजे, साइएंट के शेयर एनएसई पर 1,424.95 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।
साइएंट का वर्तमान वित्तीय प्रदर्शन और प्रबंधन में बदलाव ने कंपनी के भविष्य की वृद्धि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। निवेशकों और विश्लेषकों की नजर अब कंपनी के आगे की रणनीतियों और विकास पर टिकी है।