Saturday, January 11, 2025

हर्षित राणा और नितीश राणा ने गौतम गंभीर का समर्थन किया, आकाश चोपड़ा ने उठाए सवाल

भारत के पूर्व बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने हर्षित राणा और नितीश राणा पर सोशल मीडिया पर गौतम गंभीर का समर्थन करने के लिए दिए गए एक जैसे बयानों को लेकर निशाना साधा है। पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने एक साक्षात्कार में भारत के मुख्य कोच को “पाखंडी” कहकर संबोधित किया और 2012 और 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जीत का श्रेय लेने पर सवाल उठाए।

मनोज तिवारी ने क्यों कहा गंभीर को “पाखंडी”?

मनोज तिवारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में गौतम गंभीर पर निशाना साधते हुए उन्हें “पाखंडी” कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि गंभीर के कार्य उनके बयानों से मेल नहीं खाते। तिवारी ने गंभीर के एक पुराने साक्षात्कार का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने विदेशी कोचों की नियुक्ति पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। हालांकि, बाद में गंभीर ने अपने कोचिंग स्टाफ में रयान टेन डोशेट और मोर्ने मोर्कल जैसे विदेशी खिलाड़ियों को शामिल किया।

राणा भाइयों का समर्थन

इस विवाद के बीच, नितीश राणा और हर्षित राणा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए गौतम गंभीर का समर्थन किया। उनके बयानों ने जल्द ही ध्यान आकर्षित किया, क्योंकि उनमें काफी समानताएं थीं।

आकाश चोपड़ा की प्रतिक्रिया

आकाश चोपड़ा ने इन बयानों की समानताओं को लेकर तंज कसते हुए कहा कि यह “चैट जीपीटी उत्पाद” जैसा लगता है। अपने यूट्यूब चैनल पर उन्होंने कहा,
“हर्षित राणा और नितीश राणा ने सोशल मीडिया पर गंभीर के समर्थन में पोस्ट किया। अगर आप इसे ध्यान से देखें, तो दोनों के बयान एक जैसे हैं। ऐसा लगता है कि किसी ने उन्हें लिखकर दिया है या यह किसी मशीन द्वारा तैयार किया गया है। यह चैट जीपीटी हो सकता है।”

गंभीर की कोचिंग पर सवाल

गौतम गंभीर की कोचिंग को लेकर हाल के दिनों में आलोचनाएं बढ़ी हैं। भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 10 साल बाद गंवाई, और गंभीर के नेतृत्व में टीम श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज हार गई। इसके अलावा, भारत को घरेलू टेस्ट सीरीज में भी वाइटवॉश का सामना करना पड़ा।

तिवारी की राय

मनोज तिवारी ने भारत की हालिया हार पर चर्चा करते हुए कई मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि टीम चयन में गलत फैसले लिए गए और गंभीर के कोचिंग अनुभव पर भी सवाल उठाए। तिवारी ने कहा कि आईपीएल फ्रेंचाइजी को मेंटर करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोचिंग करना दो अलग बातें हैं।

तिवारी ने यह भी कहा कि 2012 और 2014 में केकेआर की सफलता का श्रेय सिर्फ गौतम गंभीर को देना सही नहीं है। उन्होंने कहा,
“जब भी श्रेय की बात होती है, आपको श्रेय देना चाहिए, लेना नहीं चाहिए। एमएस धोनी को देखें, उन्होंने कभी खुद से श्रेय नहीं मांगा, लेकिन लोग उन्हें श्रेय देते हैं। धोनी ने कभी सार्वजनिक रूप से इसका दावा नहीं किया।”

आकाश चोपड़ा ने क्या कहा?

आकाश चोपड़ा ने इस पूरे मामले पर निष्पक्ष राय रखने की बात करते हुए कहा,
“मनोज तिवारी ने गंभीर की उस पुरानी टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने विदेशी कोचों की नियुक्ति का विरोध किया था। लेकिन बाद में गंभीर ने रयान टेन डोशेट और मोर्ने मोर्कल को चुना। यह सच है कि ये दोनों अच्छे इंसान हैं, लेकिन वे भारतीय नहीं हैं।”

आकाश ने यह भी कहा,
“श्रेय की बात पर ध्यान देना चाहिए। धोनी कभी श्रेय नहीं मांगते, लेकिन लोग उन्हें देते हैं। गंभीर के मामले में लोगों को उनके बयान और कार्यों के बीच विरोधाभास को देखना चाहिए।”

यह विवाद भारतीय क्रिकेट जगत में एक नई बहस का विषय बन गया है, जिसमें न सिर्फ गौतम गंभीर की कोचिंग, बल्कि खिलाड़ियों के सोशल मीडिया बयानों की प्रामाणिकता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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