Thursday, January 9, 2025

ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में भारी गिरावट

भाविश अग्रवाल की अगुआई वाली ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में 8 जनवरी को शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसमें शेयरों में 4% तक की गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट मुख्य रूप से कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की जांच में कंपनी को राहत देने से इनकार करने के फैसले के कारण आई है।

कानूनी और नियामकीय समस्याओं का असर

कंपनी की परेशानियों को और बढ़ाते हुए, भारतीय बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने ओला इलेक्ट्रिक को स्टोर विस्तार योजनाओं के बारे में समय पर जानकारी का खुलासा न करने के लिए अनुपालन चूक का दोषी ठहराया। सेबी ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि सीईओ भाविश अग्रवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से योजनाओं की घोषणा की, जबकि पहले से नियामकीय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था।

शेयर बाजार में प्रदर्शन

ओला इलेक्ट्रिक का शेयर 8 जनवरी को बीएसई पर 77.09 रुपये पर खुला, जो इसके पिछले बंद भाव 79.16 रुपये से काफ़ी कम था। इसी तरह, एनएसई पर शेयर 77.00 रुपये पर खुले। कारोबार के शुरुआती कुछ मिनटों में ही शेयर 75.20 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया।
सुबह 09:51 बजे तक, शेयर बीएसई पर 75.92 रुपये और एनएसई पर 75.78 रुपये पर कारोबार कर रहा था, जो क्रमशः 4.09% और 4.27% की गिरावट को दर्शाता है।

लिस्टिंग के बाद से शेयर का उतार-चढ़ाव

ओला इलेक्ट्रिक ने 9 अगस्त, 2024 को भारतीय शेयर बाजारों में अपनी शुरुआत की। लिस्टिंग के दिन शेयर एनएसई पर अपने इश्यू प्राइस 76 रुपये पर सपाट खुले और बीएसई पर 75.99 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।

लिस्टिंग के बाद के कुछ हफ्तों में, शेयर ने 20 अगस्त को 157.53 रुपये के उच्चतम स्तर को छुआ। हालांकि, इसके बाद इसमें गिरावट शुरू हो गई। 22 नवंबर, 2024 को यह 52-सप्ताह के निचले स्तर 66.66 रुपये पर पहुंच गया।

हाल के छह महीनों में, शेयर में 17.18% की गिरावट आई है, और पिछले पांच दिनों के प्रदर्शन को देखें तो यह 13.98% नीचे आ गया है। मौजूदा समय में शेयर 75.53 रुपये पर कारोबार कर रहा है और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 22,584 करोड़ रुपये है।

कानूनी झटके और सेबी की चेतावनी

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने CCPA द्वारा जारी नोटिस को रद्द करने से इनकार कर दिया है। कंपनी ने 7 जनवरी को एक नियामकीय फाइलिंग में कहा, “हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय ने CCPA द्वारा अतिरिक्त दस्तावेज और जानकारी मांगने के जवाब में प्रस्तुत करने के लिए छह सप्ताह का विस्तार दिया है। कंपनी समय सीमा के भीतर जवाब सुनिश्चित करेगी।”

इसके साथ ही, सेबी ने 7 जनवरी, 2025 को कंपनी को अनुपालन चूक के लिए एक प्रशासनिक चेतावनी भेजी। कंपनी ने बीएसई को सूचित किया कि सेबी ने उन्हें ईमेल के माध्यम से यह चेतावनी दी है।

आने वाले दिनों में नज़र बनाए रखने की आवश्यकता

कानूनी चुनौतियों और सेबी की चेतावनी को देखते हुए, ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों पर निवेशकों की नज़र बनी रहेगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कंपनी इन चुनौतियों से कैसे निपटती है और निवेशकों का विश्वास कैसे पुनः अर्जित करती है।

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