पॉपकॉर्न पर कराधान से संबंधित जीएसटी परिषद के हालिया स्पष्टीकरण ने सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ ला दी है। उपयोगकर्ता पॉपकॉर्न की विभिन्न श्रेणियों पर कर दरों की जटिलताओं को मजाकिया अंदाज में प्रस्तुत कर रहे हैं।
शनिवार को हुई अपनी 55वीं बैठक में, जीएसटी परिषद ने पॉपकॉर्न पर लागू कर संरचना को स्पष्ट किया और यह घोषणा की कि मौजूदा दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चीनी युक्त कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर नमकीन और सादे पॉपकॉर्न से अलग कर लगाया जाता है क्योंकि इसे “चीनी कन्फेक्शनरी” के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
परिषद ने इस बात पर जोर दिया कि पॉपकॉर्न की तैयारी की विधियाँ और उनकी विशेषताएँ लागू जीएसटी दर निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस विषय को और अधिक स्पष्ट करने के लिए, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) जल्द ही एक विस्तृत परिपत्र जारी करेगा।
हालांकि इस फैसले ने पॉपकॉर्न कराधान को लेकर कुछ स्पष्टता दी है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसके हास्यपूर्ण पहलू ज्यादा चर्चा में हैं।
सोशल मीडिया पर मीम्स की धूम
सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस विषय पर कई मजेदार पोस्ट और मीम्स साझा किए।
- तस्वीरों के कोलाज:
उपयोगकर्ताओं ने नमकीन और कैरामेलाइज्ड पॉपकॉर्न की तुलना करते हुए तस्वीरों के कोलाज साझा किए। इन पोस्ट में जीएसटी के कारण दोनों के बीच लागत में भारी अंतर को लेकर मजाक उड़ाया गया। - फनी कैप्शन:
कई यूजर्स ने कैरामेलाइज्ड पॉपकॉर्न की तस्वीरें पोस्ट कर 18% जीएसटी को “लक्जरी टैक्स” बताते हुए हास्यपूर्ण कैप्शन लिखे। - पॉपकॉर्न का आखिरी पैकेट:
एक यूजर ने घर में रखे कैरामेलाइज्ड पॉपकॉर्न के आखिरी पैकेट की तस्वीर साझा की और मजाक में लिखा कि वे इसे जीएसटी के कारण बढ़ी हुई कीमतों से पहले खत्म कर देंगे। - “लक्जरी आइटम” की घोषणा:
कुछ इंटरनेट यूजर्स ने पॉपकॉर्न को “लक्जरी आइटम” घोषित करते हुए इस पर मजाकिया टिप्पणी की।
निष्कर्ष
जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण ने पॉपकॉर्न कराधान के विवाद में व्यवस्था लाने की कोशिश की है, लेकिन सोशल मीडिया पर मीम्स और मजाकिया प्रतिक्रियाओं ने इस मुद्दे को हल्का-फुल्का बना दिया है। पॉपकॉर्न पर कराधान की जटिलताएँ अब एक मजाकिया बहस का विषय बन गई हैं, और इंटरनेट ने इसे बेहद मनोरंजक बना दिया है।