Monday, December 23, 2024

इंडिया सीमेंट्स के शेयरों में 11% की उछाल

सोमवार को इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के शेयरों में 11% तक की उछाल दर्ज की गई। यह उछाल उस खबर के बाद आया जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड द्वारा इंडिया सीमेंट्स का अधिग्रहण करने के सौदे को मंजूरी दी है। यह अधिग्रहण करीब ₹7,000 करोड़ के सौदे के तहत किया गया है, जिसके बाद अल्ट्राटेक सीमेंट, जो कुमार मंगलम बिड़ला द्वारा प्रवर्तित है, इंडिया सीमेंट्स में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल करेगा।

सीसीआई की मंजूरी और सौदे का महत्व

इस महत्वपूर्ण मंजूरी से पहले, सीसीआई ने अल्ट्राटेक सीमेंट को सौदे पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह नोटिस सौदे के संभावित प्रतिस्पर्धात्मक प्रभावों की जांच के तहत दिया गया था।
यह सौदा अल्ट्राटेक सीमेंट को अडानी समूह द्वारा बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच अपनी बाजार स्थिति मजबूत करने में मदद करेगा। अडानी समूह भी सीमेंट उद्योग में तेजी से अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।

अधिग्रहण के विवरण

सौदे के अनुसार, अल्ट्राटेक सीमेंट इंडिया सीमेंट्स के 10 रुपये प्रति शेयर मूल्य के 10.13 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगी। यह हिस्सेदारी इंडिया सीमेंट्स की कुल इक्विटी शेयर पूंजी का 32.72% है।
इसके अतिरिक्त, अल्ट्राटेक सीमेंट ने कंपनी के सार्वजनिक शेयरधारकों से 390 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की कीमत पर 10 रुपये प्रति शेयर के 8.05 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदने के लिए एक खुली पेशकश (ओपन ऑफर) की भी घोषणा की है। यह पेशकश कंपनी की इक्विटी शेयर पूंजी का 26% कवर करती है।
यह मूल्य इंडिया सीमेंट्स के शुक्रवार के बंद भाव 339 रुपये से 15% अधिक है। इससे पहले, 28 जुलाई को अल्ट्राटेक सीमेंट ने प्रमोटरों और उनके सहयोगियों से इंडिया सीमेंट्स में 32.72% हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए ₹3,954 करोड़ के सौदे की घोषणा की थी। इस कदम से कंपनी को दक्षिण भारत के तेजी से बढ़ते और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी सीमेंट बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी।

शेयर बाजार पर असर

सोमवार को एनएसई पर इंडिया सीमेंट्स के शेयरों ने 11% की तेजी के साथ ₹376.20 के उच्चतम स्तर को छुआ। वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों में भी एक प्रतिशत से अधिक की तेजी देखी गई और इसका भाव ₹11,582.45 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

यह सौदा भारतीय सीमेंट उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है, जहां बाजार हिस्सेदारी के लिए बड़ी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है।

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