Saturday, December 21, 2024

GRAP IV प्रतिबंधों के बीच दिल्ली-NCR के स्कूल हाइब्रिड कक्षाओं में स्थानांतरित हो गए

दिल्ली और नोएडा के स्कूलों ने वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट के चलते ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण IV प्रतिबंधों के तहत शिक्षण को हाइब्रिड मोड में बदल दिया है। इस फैसले के अनुसार छात्रों को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन या ऑफ़लाइन कक्षाओं में भाग लेने का विकल्प दिया गया है।

दिल्ली के शिक्षा निदेशालय (DoE) और नोएडा के शिक्षा अधिकारियों ने स्कूलों को हाइब्रिड मोड में कक्षाएँ संचालित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। खासकर कक्षा V तक के छात्रों को उनके माता-पिता की सहमति के आधार पर वर्चुअल या व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी गई है।

वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई क्षेत्रों में 450 से अधिक पहुंच गया है, जो ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में आता है। GRAP चरण IV के तहत विशेष रूप से बच्चों को वायु प्रदूषण के बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।

स्कूलों में किए गए बदलाव

कक्षा V तक की कक्षाएँ:
छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों ने पूरी तरह से हाइब्रिड शिक्षण अपनाया है। माता-पिता यह तय कर सकते हैं कि उनके बच्चे शारीरिक रूप से स्कूल जाएंगे या ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करेंगे।

उच्चतर माध्यमिक कक्षाएँ:
इन कक्षाओं के लिए स्कूल खुले रहेंगे, लेकिन खेल, असेंबली और शारीरिक शिक्षा जैसी सभी बाहरी गतिविधियाँ स्थगित कर दी गई हैं।

अतिरिक्त उपाय

कई स्कूलों ने कक्षाओं के भीतर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग शुरू कर दिया है। शिक्षकों को वर्चुअल कक्षाओं की गुणवत्ता बनाए रखने और छात्रों को सहज शिक्षण अनुभव प्रदान करने पर जोर देने के लिए निर्देशित किया गया है।

डॉक्टरों की सलाह

डॉक्टरों ने छात्रों और उनके अभिभावकों को निम्नलिखित एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है:

  1. लंबे समय तक बाहरी गतिविधियों से बचें।
  2. बाहर जाते समय एन95 मास्क का उपयोग करें।
  3. घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और खिड़कियाँ बंद रखें।

शिक्षा विभाग की सतर्कता

दिल्ली और नोएडा के शिक्षा विभाग लगातार वायु गुणवत्ता की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत के अनुसार अतिरिक्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं। अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से स्कूलों से संपर्क में रहें और ताजा अपडेट प्राप्त करते रहें।

इस निर्णय का उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना है, ताकि वे सुरक्षित माहौल में अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।

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