फ्रांसीसी हिंद महासागर क्षेत्र मायोट में चक्रवात चिडो के कारण भारी तबाही मची है। 225 किमी/घंटा (140 मील प्रति घंटे) से अधिक की तेज़ हवाओं ने बस्तियों को नष्ट कर दिया है। सैकड़ों लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, खासकर उन गरीब समुदायों में जो अस्थायी आश्रयों में रह रहे थे।
राहत और बचाव कार्य
फ्रांस से आए बचाव दल सहित कई राहतकर्मी मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। लेकिन व्यापक बुनियादी ढांचे के नुकसान के कारण आपातकालीन प्रयास बाधित हो रहे हैं। बिजली की लाइनें गिर गई हैं और सड़कें दुर्गम हो गई हैं, जिससे राहत कार्य और कठिन हो गया है।
जीवन आवश्यकताओं की भारी कमी
मायोट के 3,20,000 निवासियों में से कई अब भोजन, पानी और आश्रय जैसी बुनियादी ज़रूरतों की कमी से जूझ रहे हैं। राजधानी में रहने वाले मामूदज़ौ ने बताया, “हमें तीन दिनों से पानी नहीं मिला है। अब यह सहन करना मुश्किल हो रहा है। हम थोड़ा सा भी पानी पाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि हमें नहीं पता कि अगली बार कब पानी मिलेगा।”
एक अन्य निवासी जॉन बैलोज़ ने बताया कि वे आश्चर्यचकित हैं कि वे बच कैसे गए। उन्होंने कहा, “हवा इतनी तेज़ थी कि मैं डर गया था। मैं चिल्ला रहा था, ‘हमें मदद चाहिए, हमें मदद चाहिए।’ मुझे लगा कि मेरा अंत आ गया है।”
मायोट में गहरा संकट
मायोट के गरीब समुदाय, जिनमें फ्रांस में शरण पाने की कोशिश कर रहे प्रवासी भी शामिल हैं, इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। उनके कमजोर घर तूफ़ान के सामने टिक नहीं पाए।
मायोट लंबे समय से गरीबी, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। लगभग 75% लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं, और हर तीन में से एक व्यक्ति बेरोज़गार है।
फ्रांस के राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस आपदा पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “मायोट में हमारे हमवतन लोगों ने भयानक कुछ घंटे गुजारे हैं। कुछ ने अपनी जान गंवाई है और कुछ ने सब कुछ खो दिया है।”
मरने वालों की संख्या और आगे की चेतावनी
मायोट के प्रीफेक्ट जेवियर बियुविले ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या “निश्चित रूप से सैकड़ों में” होगी और यह हजारों तक भी पहुँच सकती है। उन्होंने कहा कि स्थिति का आकलन करने में अभी और समय लगेगा।
मोज़ाम्बिक में भी चक्रवात का कहर
चक्रवात चिडो ने मोज़ाम्बिक में भी भारी नुकसान पहुंचाया। उत्तरी शहर पेम्बा के पास बाढ़ आ गई, पेड़ उखड़ गए और इमारतों को नुकसान हुआ। शनिवार सुबह नामपुला और काबो डेलगाडो के प्रांतों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और व्यापक संरचनात्मक क्षति हुई।
स्वास्थ्य और बुनियादी सेवाओं पर प्रभाव
मोज़ाम्बिक में यूनिसेफ के प्रवक्ता गाय टेलर ने बताया, “सुबह के शुरुआती घंटों में हालात बहुत खराब थे। कई घर नष्ट हो गए हैं, स्वास्थ्य सुविधाएँ और स्कूल बंद हो गए हैं।” उन्होंने हैजा और मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रसार को लेकर चिंता व्यक्त की।
समन्वित राहत प्रयास
फ्रांसीसी आंतरिक मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने चक्रवात की “असाधारण गंभीरता” को स्वीकार करते हुए राहत प्रयासों को तेज़ करने का आश्वासन दिया। वहीं, यूनिसेफ और अन्य एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता, स्वच्छ पानी और अन्य बुनियादी सेवाएं बहाल करने का प्रयास कर रही हैं।
इस त्रासदी ने मायोट और मोज़ाम्बिक के लोगों को भारी संकट में डाल दिया है। अब दोनों क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण का कार्य जारी है।