असम सरकार ने रेस्टोरेंट, होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर पूरी तरह रोक लगाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 4 दिसंबर को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की।
कैबिनेट बैठक में असम में गोमांस पर मौजूदा कानून में संशोधन किया गया, जिसमें नए प्रावधान जोड़े गए। मुख्यमंत्री ने कहा, “अब असम में किसी भी रेस्टोरेंट, होटल या सार्वजनिक समारोह में गोमांस नहीं परोसा जाएगा। पहले हमने मंदिरों के पास गोमांस खाने पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अब यह पूरे राज्य में लागू होगा। कोई भी व्यक्ति इसे सामुदायिक स्थानों, सार्वजनिक स्थानों, होटलों या रेस्टोरेंट में नहीं खा पाएगा।”
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का विस्तार
गोमांस पर प्रतिबंध के साथ-साथ, राज्य कैबिनेट ने कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए। गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को शहर से जोड़ने वाली सड़क को चौड़ा करने का फैसला किया गया है। इस सड़क को चार लेन से बढ़ाकर छह लेन किया जाएगा, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यातायात की भीड़ कम होगी।
मुख्यमंत्री सरमा ने 7 दिसंबर को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार की भी जानकारी दी। इस दिन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी, जो शासन में सुधार और नई नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन का हिस्सा है।
मुख्य विकास प्रस्ताव
दिल्ली में आयोजित बैठकों के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्रस्तुत किए। इन प्रस्तावों में बोंगाईगांव रिफाइनरी की क्षमता को पाँच मिलियन टन तक बढ़ाना और नामरूप उर्वरक संयंत्र का 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से विस्तार करना शामिल है।
इसके अलावा, गुवाहाटी से सिलचर तक एक एक्सप्रेसवे बनाने की योजना तैयार की गई है, जो मेघालय से होकर गुजरेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 25,000 करोड़ रुपये है। एक्सप्रेसवे से गुवाहाटी और सिलचर के बीच यात्रा का समय 12 घंटे से घटकर केवल पाँच घंटे रह जाएगा।
मौजूदा मवेशी संरक्षण कानून
असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 पहले से ही हिंदुओं, जैनियों और सिखों के निवास वाले क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है। इसके अलावा, मंदिरों और वैष्णव मठों (सत्रों) के पाँच किलोमीटर के दायरे में भी ऐसी गतिविधियों पर रोक है।
हाल ही में लिए गए निर्णय के बाद यह प्रतिबंध पूरे राज्य में लागू हो गया है। अब असम में सामुदायिक और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस खाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
असम की प्रतिबद्धता
असम सरकार के इस फैसले से स्पष्ट है कि राज्य सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के साथ-साथ बुनियादी ढांचा विकास और आर्थिक सुधारों को प्राथमिकता दे रहा है।