संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंधों की एक नई श्रृंखला जारी करते हुए 35 संस्थाओं और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें ईरानी तेल परिवहन से जुड़ी दो भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। ये प्रतिबंध ईरान के परमाणु कार्यक्रम और पश्चिम एशिया में उसकी आक्रामक गतिविधियों को रोकने के लिए लगाए गए हैं।
प्रतिबंधों का पृष्ठभूमि
1979 में ईरान में अयातुल्ला शासन द्वारा तेहरान स्थित अमेरिकी दूतावास पर कब्जा करने और वहां मौजूद अमेरिकी नागरिकों को बंधक बनाए जाने के बाद से अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। समय-समय पर ईरान की आक्रामकता और परमाणु कार्यक्रम के मद्देनजर इन प्रतिबंधों को बढ़ाया गया है।
नए प्रतिबंधों का कारण
सोमवार, 3 दिसंबर, 2024 को जारी एक बयान में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कहा कि ये प्रतिबंध 1 अक्टूबर, 2024 को इजरायल पर ईरान के हमले और 11 अक्टूबर को ईरान द्वारा घोषित परमाणु वृद्धि के बाद लगाए गए हैं।
ट्रेजरी विभाग ने बताया कि ईरान के पेट्रोलियम क्षेत्र से प्राप्त राजस्व उसके परमाणु कार्यक्रम को वित्तपोषित करने, उन्नत ड्रोन और मिसाइल तकनीक विकसित करने और क्षेत्रीय आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक होता है।
ईरानी रणनीतियां और धोखाधड़ी
अमेरिकी ट्रेजरी के अनुसार, ईरान प्रतिबंधित तेल परिवहन के लिए कई धोखाधड़ी वाली रणनीतियां अपनाता है। इनमें टैंकरों और जहाज प्रबंधन फर्मों के विशाल नेटवर्क का उपयोग, गलत दस्तावेजों का सहारा लेना, पोत ट्रैकिंग सिस्टम में हेरफेर करना और जहाजों के नाम व झंडों को बार-बार बदलना शामिल है।
भारतीय फर्मों पर प्रतिबंध
इस बार प्रतिबंधित की गई 35 संस्थाओं में दो भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं।
- विजन शिप मैनेजमेंट एलएलपी (महाराष्ट्र स्थित)
- टाइटशिप शिपिंग मैनेजमेंट (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड (मुंबई स्थित)
अमेरिकी ट्रेजरी ने बताया कि ये दोनों कंपनियां ईरानी पेट्रोलियम के परिवहन में शामिल जहाजों के संचालन और प्रबंधन में मदद कर रही थीं।
- विजन शिप मैनेजमेंट ने लाखों बैरल ईरानी कच्चे तेल का परिवहन किया और प्रतिबंधित चीनी कंपनी चाइना कॉनकॉर्ड पेट्रोलियम कंपनी (सीसीपीसी) से जुड़ी रही है।
- टाइटशिप शिपिंग मैनेजमेंट प्रतिबंधित चार जहाजों का संचालन कर रही थी, जिनमें से एक ईरानी ध्वज के तहत जहाज-से-जहाज तेल हस्तांतरण में शामिल पाया गया।
अमेरिकी बयान
आतंकवाद और वित्तीय खुफिया मामलों के लिए कार्यवाहक अमेरिकी अवर सचिव ब्रैडली टी स्मिथ ने कहा, “ईरान अपने पेट्रोलियम व्यापार से होने वाले राजस्व को अपने परमाणु कार्यक्रम, बैलिस्टिक मिसाइलों, मानव रहित ड्रोन तकनीक और क्षेत्रीय आतंकवादी संगठनों को प्रायोजित करने के लिए उपयोग कर रहा है। अमेरिका इन अवैध गतिविधियों को रोकने और इनसे जुड़े छाया जहाज बेड़ों और ऑपरेटरों को बाधित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इन प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान की आक्रामक गतिविधियों पर लगाम लगाना और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखना है।