पिछले सप्ताह कमजोर जीडीपी विकास दर की रिपोर्ट के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों ने मंगलवार को भी अपनी तेजी जारी रखी। एनएसई निफ्टी 50 ने 0.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,481 के इंट्राडे हाई को छुआ, जबकि बीएसई सेंसेक्स में 700 अंकों की बढ़त के साथ यह 80,949 पर पहुंच गया। पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स में 1,100 अंकों (1.4 प्रतिशत से अधिक) की वृद्धि दर्ज की गई है।
यह तेजी उस समय आई है जब पिछले शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर 5.4 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जो पिछले सात तिमाहियों में सबसे कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर आर्थिक आंकड़ों को बाजार ने पहले ही समायोजित कर लिया है। अब निवेशकों की नजर इस सप्ताह के अंत में होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति घोषणा पर टिकी है।
रक्षात्मक से दर-संवेदनशील क्षेत्रों की ओर हुआ रुझान
सोमवार की बाजार में तेजी फार्मा, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे रक्षात्मक क्षेत्रों के कारण थी। वहीं, मंगलवार को बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, धातुओं और तेल व गैस क्षेत्रों के शेयरों में मजबूती देखने को मिली। बैंक निफ्टी इंडेक्स में 1 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जबकि निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, निफ्टी मेटल और निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स में भी लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
मंगलवार को बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं चक्रीय और ब्याज दर-संवेदनशील क्षेत्रों में सबसे आगे रहीं। गोल्डीलॉक्स प्रीमियम रिसर्च के संस्थापक गौतम शाह का मानना है कि बैंकिंग क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करेगा और इसे मजबूत बने रहने की संभावना है। उन्होंने सीएनबीसी टीवी18 को बताया, “बैंकिंग बेहतर प्रदर्शन करने वाला क्षेत्र है। निफ्टी बैंक का अगला लक्ष्य 55,000 हो सकता है।”
जीडीपी झटका पहले ही समायोजित हो चुका है
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले सप्ताह की जीडीपी निराशा पहले ही बाजार सुधारों और पहली तिमाही के कमजोर कॉर्पोरेट नतीजों के कारण समायोजित हो चुकी है। शाह ने कहा, “पिछले शुक्रवार के जीडीपी आंकड़ों को बाजार ने पहले ही कम करके आंका था।” उन्होंने बताया कि सूचकांकों का मजबूत प्रदर्शन यह दर्शाता है कि आंतरिक बाजार स्थिति स्थिर है।
द स्ट्रीट्स के संस्थापक और फंड मैनेजर कुणाल रंभिया ने भी कहा कि बाजार में हाल की गिरावट कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण थी। उन्होंने कहा कि जीडीपी आंकड़ों पर आरबीआई की प्रतिक्रिया निवेशकों की मानसिकता को आकार देने में महत्वपूर्ण होगी।
निफ्टी का परिदृश्य और मुख्य स्तरों पर ध्यान
विशेषज्ञों ने निफ्टी के लिए 24,500 के स्तर को प्रमुख बताया है। गौतम शाह ने कहा कि यदि निफ्टी इस स्तर को पार कर लेता है तो यह बाजार की तेजी की पुष्टि करेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई गवर्नर का आगामी भाषण ब्याज दरों और मध्यावधि नीति के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देगा।
आरबीआई की घोषणा पर निवेशकों की नजरें
मौजूदा तेजी का मुख्य कारण इस सप्ताह आरबीआई से नीतिगत स्पष्टता की उम्मीद है। शाह ने कहा, “यदि निफ्टी 24,500 से ऊपर रहता है, तो बाजार में विश्वास और मजबूत होगा।” हालांकि, एफआईआई की बिकवाली में कमी ने भी कुछ सहारा दिया है।
ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ विकास गुप्ता ने कहा कि जीडीपी के आंकड़ों में निजी खपत में 6 प्रतिशत की वृद्धि सकारात्मक संकेत है, जो समग्र विकास दर से काफी अधिक है।
निवेशकों के लिए आगे का मार्ग
आगामी आरबीआई की मौद्रिक नीति घोषणा ब्याज दर मार्गदर्शन और विकास के लिए इसके प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करेगी। अगर निफ्टी 24,500 से ऊपर बना रहता है, तो बाजार में तेजी की संभावना है। बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में लाभ निकट भविष्य में जारी रह सकता है।