कृति सैनन ने भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी यात्रा और भाई-भतीजावाद पर बेबाकी से अपने विचार साझा किए हैं, जो न केवल उनके अनुभवों को उजागर करते हैं, बल्कि एक व्यापक दृष्टिकोण भी पेश करते हैं।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इंडस्ट्री में बाहरी लोगों के लिए अवसर पाना और पहचान बनाना कठिन जरूर है, लेकिन मेहनत, लगन और प्रतिभा के बल पर यह संभव है। कृति की यह बात प्रेरणादायक है कि संघर्ष के बावजूद, सही दिशा में प्रयास आपको आगे बढ़ा सकते हैं।
उनकी टिप्पणी, जिसमें मीडिया और दर्शकों को भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने वाले कारकों के रूप में उल्लेख किया गया है, गहराई से सोचने पर मजबूर करती है। यह इस बात को रेखांकित करता है कि भाई-भतीजावाद सिर्फ फिल्म उद्योग का मसला नहीं है, बल्कि यह दर्शकों की पसंद और मीडिया की प्राथमिकताओं का भी परिणाम है।
कृति की नई पारी, एक फिल्म निर्माता के रूप में, उनकी रचनात्मकता और उनकी सीमाओं को तोड़ने के साहस को दर्शाती है। दो पत्ती जैसी अनूठी परियोजनाओं के साथ, वह न केवल एक कलाकार के रूप में बल्कि एक निर्माता के रूप में भी अपनी पहचान मजबूत कर रही हैं।
उनकी यात्रा एक प्रेरणा है कि कैसे आत्मविश्वास, मेहनत और सही दृष्टिकोण के साथ एक बाहरी व्यक्ति भी फिल्म उद्योग में अपनी जगह बना सकता है।