प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जिन्हें जनता ने बार-बार नकार दिया है, वे संसद और लोकतंत्र का निरंतर अपमान कर रहे हैं। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें सत्र के दौरान स्वस्थ चर्चा की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, कुछ ऐसे लोग जिन्हें जनता ने अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए खारिज कर दिया है, वे मुट्ठीभर लोगों की गुंडागर्दी से संसद को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं। देश की जनता उनके सभी कार्यों को देख रही है और समय आने पर उन्हें उनकी सजा भी देती है।”
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की करारी हार के दो दिन बाद आई है। भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 सदस्यीय सदन में 235 सीटें जीतीं, जबकि एमवीए को सिर्फ 49 सीटों तक सीमित कर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जिन्हें जनता ने लगातार 80-90 बार नकार दिया है, वे संसद में चर्चा नहीं होने देते।”
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वह न तो लोकतंत्र की भावना का सम्मान करता है और न ही जनता की आकांक्षाओं का महत्व समझता है। उन्होंने कहा, “उनके पास जनता के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है। वे जनता को समझने में असमर्थ हैं, और यही कारण है कि वे कभी भी जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते।”
प्रधानमंत्री ने संसद के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि संविधान के महत्वपूर्ण अंग संसद और सांसद हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा, “अधिक से अधिक लोगों को चर्चा में योगदान देना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि संसद का यह शीतकालीन सत्र कई कारणों से “विशेष” है, जिसमें संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष की शुरुआत भी शामिल है।
इस सत्र में सरकार द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश किए जाने की अटकलें हैं। यह सत्र 20 दिसंबर तक चलने की उम्मीद है।
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा था कि सरकार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ योजना पर गंभीरता से काम कर रही है।
इस शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक और आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक और रेलवे अधिनियम संशोधन विधेयक भी लोकसभा में पेश किए जाएंगे।