वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए शनिवार, 23 नवंबर को मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। शुरुआती दो घंटे में ही कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने 3 लाख से अधिक वोटों की बढ़त बना ली। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती हुई। इसके बाद ईवीएम में दर्ज वोटों की गिनती शुरू की गई।
प्रियंका गांधी की बड़ी बढ़त
चुनाव आयोग (ईसीआई) के अनुसार, सुबह 10 बजे तक प्रियंका गांधी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सत्यन मोकेरी से 3,47,285 वोटों से आगे चल रही थीं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार नव्या हरिदास तीसरे स्थान पर हैं।
राहुल गांधी ने छोड़ी थी वायनाड सीट
प्रियंका गांधी वायनाड सीट से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की उम्मीदवार हैं। यह सीट उनके भाई राहुल गांधी ने खाली की थी। इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनाव में राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा के लिए चुने गए थे और इसके बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी।
अगर प्रियंका गांधी यह चुनाव जीतती हैं, तो वह गांधी परिवार से संसद में पहुंचने वाली तीसरी शख्सियत होंगी।
त्रिकोणीय मुकाबला
वायनाड उपचुनाव में कांग्रेस की प्रियंका गांधी, भाजपा की नव्या हरिदास और वामपंथी उम्मीदवार सत्यन मोकेरी के बीच मुकाबला हुआ। हालांकि, चुनावी आंकड़े प्रियंका गांधी को शुरुआती बढ़त दिखा रहे हैं।
भाजपा उम्मीदवार का दावा
भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास ने मतगणना से पहले अपनी जीत का भरोसा जताया था। उन्होंने कहा, “अगर लोग वायनाड में विकास चाहते हैं तो वे एनडीए को चुनेंगे।”
नव्या हरिदास ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “पिछली बार राहुल गांधी वायनाड से जीते थे, लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र को नजरअंदाज कर दिया और रायबरेली को प्राथमिकता दी। इस बार मतदान प्रतिशत कम था क्योंकि भूस्खलन की घटना के बाद लोग चुनाव को लेकर उत्साहित नहीं थे।”
कांग्रेस का गढ़ वायनाड
वायनाड कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। राहुल गांधी ने 2019 में इस सीट से चुनाव लड़ते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। अब प्रियंका गांधी इस गढ़ को संभालने के लिए मैदान में हैं।
मतगणना का काम जारी है, लेकिन शुरुआती रुझान प्रियंका गांधी की भारी जीत की ओर संकेत दे रहे हैं।