रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आने वाले हैं। मंगलवार को रूस के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने यह जानकारी दी। हालांकि, पुतिन की यात्रा की सटीक तारीखों का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है।
पेस्कोव ने कहा, “रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत यात्रा पर आएंगे। हम तारीखों पर काम कर रहे हैं।” यह यात्रा 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। इससे पहले, वे 6 दिसंबर 2021 को भारत आए थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
यदि पुतिन 2024 में भारत आने का फैसला करते हैं, तो यह प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी तीसरी द्विपक्षीय बैठक होगी। पेस्कोव ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के रूस के दो दौरे हो चुके हैं। अब राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की बारी है, और हम इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”
भारत और रूस के मजबूत रिश्ते
भारत और रूस के बीच ‘विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ का इतिहास शीत युद्ध के समय से है। दोनों देशों ने समय-समय पर अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखा है।
2022 में मास्को में हुए 22वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत और रूस ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक करने का लक्ष्य रखा। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई थी।
दोनों देशों ने व्यापार निपटान के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग करने पर जोर दिया है ताकि तीसरे पक्ष की मुद्राओं पर निर्भरता कम की जा सके। इसके अतिरिक्त, कृषि उत्पाद, खाद्य पदार्थ और उर्वरकों में व्यापार बढ़ाने के साथ-साथ उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसे नए व्यापार मार्गों को विकसित करने पर भी सहमति बनी।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख
भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर हमेशा तटस्थ रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बैठकों के दौरान राष्ट्रपति पुतिन को शांति और स्थिरता की आवश्यकता पर बल दिया। मोदी ने कहा, “हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। भारत हमेशा मानवता को प्राथमिकता देते हुए शांति स्थापना के प्रयासों का समर्थन करेगा।”
इस साल प्रधानमंत्री मोदी ने दो बार रूस का दौरा किया और पुतिन से मुलाकात की। अक्टूबर में कज़ान में हुए 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और पूर्वी आर्थिक मंच के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। मोदी ने पुतिन को भारत आने का निमंत्रण भी दिया था।
आने वाली यात्रा का महत्व
पुतिन की भारत यात्रा भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। इससे न केवल व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध भी और मजबूत होंगे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देशों के नेतृत्व के बीच होने वाली यह बैठक किन नए समझौतों और पहलों का मार्ग प्रशस्त करती है।