दिल्ली के राजिंदर नगर में हुए एक हादसे में तीन आईएएस उम्मीदवारों की मौत के बाद, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने इस त्रासदी के लिए कोचिंग सेंटर के अतिक्रमण को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि इस अतिक्रमण के कारण नालियां अवरुद्ध हो गईं, जिससे जलभराव की समस्या हुई। इसके साथ ही उन्होंने मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाया कि वे जलभराव से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कानून को रोक रहे हैं।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट
मुख्य सचिव की यह प्रतिक्रिया तब आई जब मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जलभराव से संबंधित मुद्दों के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव ने बताया कि पिछले साल भारी बारिश के बाद जलभराव की समस्या को लेकर एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में यह पाया गया कि दिल्ली में पिछले 18 वर्षों से जल निकासी प्रबंधन को सही ढंग से नहीं किया गया है।
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि जल निकासी प्रबंधन के लिए एक विशेष कानून, ‘स्टॉर्म वाटर और ड्रेनेज एक्ट’, की आवश्यकता है। साथ ही, दिल्ली के लिए एक मास्टर ड्रेनेज प्लान बनाने की बात भी कही गई। यह प्रस्ताव अगस्त 2023 में मंत्री को सौंपा गया था, लेकिन फरवरी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
मंत्री पर आरोप
मुख्य सचिव का कहना है कि मंत्री ने पाँच महीने के बाद प्रेजेंटेशन मांगा, लेकिन अब तक ‘स्टॉर्म वाटर और ड्रेनेज एक्ट’ पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट को आम आदमी पार्टी सरकार ने स्वीकार नहीं किया, और तीन अलग-अलग ड्रेनेज प्लान तैयार करने का निर्णय लिया गया, लेकिन अभी तक उस पर कोई ठोस काम नहीं हुआ है।
राजिंदर नगर हादसे का कारण
मुख्य सचिव ने दिल्ली नगर निगम की जांच के निष्कर्षों का हवाला देते हुए बताया कि राजिंदर नगर हादसे में नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए रैंप के कारण नालियों का प्रवेश अवरुद्ध हो गया था। इससे बारिश का पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भर गया। नालियों और मैनहोल को ग्रेनाइट और संगमरमर से ढक दिया गया था, जिससे उनकी सफाई असंभव हो गई थी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस हादसे के बाद छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने इस त्रासदी के लिए नागरिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। विपक्षी भाजपा ने सत्तारूढ़ आप पार्टी पर निशाना साधा है, जबकि आप ने गाद निकालने के काम में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीडब्ल्यूडी, एमसीडी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण नालियों और सीवरों से गाद नहीं निकाली जा सकी। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती, ऐसा केवल उपराज्यपाल वीके सक्सेना ही कर सकते हैं। आप के विधायक दुर्गेश पाठक ने सवाल उठाया है कि पिछले 15-20 सालों में दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था पर कोई काम क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।