वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वर्ष 2024-2025 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट में मोदी सरकार की नौ प्राथमिकताओं और चार स्तंभों की घोषणा की गई है, जो देश को आगे ले जाने में मदद करेंगे।
सीतारमण ने कहा कि सरकार ‘विकसित भारत’ के लिए नौ प्राथमिकताओं पर लगातार काम करेगी। इन प्राथमिकताओं में शामिल हैं:
- कृषि में उत्पादकता और लचीलापन
- रोजगार और कौशल विकास
- बेहतर मानव संसाधन
- सामाजिक न्याय
- विनिर्माण और सेवाएं
- शहरी विकास
- ऊर्जा सुरक्षा
- बुनियादी ढांचा
- नवाचार, अनुसंधान और विकास, और अगली पीढ़ी के सुधार
वित्त मंत्री ने अपना सातवां बजट पेश करते हुए कहा कि हमें चार प्रमुख वर्गों पर ध्यान देने की जरूरत है: गरीब, महिलाएं, युवा और किसान।
सरकार ने पांच वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। शिक्षा, रोजगार, और कौशल विकास के लिए इस वर्ष 1.48 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे 80 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। उत्पादन बढ़ाने के लिए सब्जी उत्पादन क्लस्टरों को बढ़ावा दिया जाएगा और 32 फसलों के लिए 109 नए उच्च उपज वाले, जलवायु-लचीले बीज जारी किए जाएंगे।
सरकार एमएसएमई के लिए बिना जमानत या तीसरे पक्ष की गारंटी के टर्म लोन देने के लिए क्रेडिट गारंटी योजना लाएगी। शहरी आवास के लिए 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता का प्रस्ताव रखा गया है। एमएसएमई के लिए टीआरईडीएस प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग की टर्नओवर सीमा 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दी जाएगी। टीआरईडीएस एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो एमएसएमई की मदद करता है।
इसके अलावा, सिडबी 24 नई शाखाएँ खोलेगा ताकि एमएसएमई क्लस्टरों की सेवा की जा सके। ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। साथ ही, सरकार प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के तहत संतृप्ति अभियान शुरू करेगी।
इस बजट का उद्देश्य देश के विकास और समृद्धि को सुनिश्चित करना है, जिससे सभी वर्गों को लाभ मिल सके।