कांवड़ यात्रा से पहले उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि कुछ मुसलमान तीर्थयात्रियों को धोखे से मांसाहारी भोजन बेचते हैं, जबकि उन्होंने अपने ढाबों के नाम हिंदू धार्मिक स्थानों के नाम पर रखे होते हैं। उन्होंने कहा, “वे वैष्णो ढाबा भंडार, शाकुंभरी देवी भोजनालय और शुद्ध भोजनालय जैसे नाम लिखकर मांसाहारी भोजन बेचते हैं।”
यह टिप्पणी मुजफ्फरनगर में आई, जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश को “स्वैच्छिक” बना दिया। इससे पहले, पुलिस ने ढाबों को उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा था, जिस पर विपक्ष और एनडीए सहयोगियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
कांवड़ यात्रा सोमवार, 22 जुलाई से शुरू हो रही है, और मुजफ्फरनगर दिल्ली और हरिद्वार के बीच स्थित है। मंत्री अग्रवाल ने कहा, “मेरी मांग थी कि इन ढाबों के मालिकों के नाम प्रदर्शित किए जाएं। इसमें क्या आपत्ति है?”
विपक्षी दलों ने इस निर्णय को “मुस्लिम विरोधी” बताया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश की तुलना दक्षिण अफ्रीका में “रंगभेद” और हिटलर के जर्मनी में “यहूदी बहिष्कार” से की। उन्होंने ट्वीट किया, “अब हर खाद्य दुकान या ठेले वाले को अपना नाम बोर्ड पर लिखना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुस्लिम दुकान से कुछ न खरीद ले।”
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं। सरकार शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना चाहती है।”