Friday, December 27, 2024

CBI ने किया खुलासा, सबसे पहले इस राज्य से लीक हुआ था NEET का पेपर

NEET-UG पेपर लीक विवाद के चलते एनटीए और सीबीआई ने अपने तर्क और रिपोर्ट पेश की हैं। सीबीआई का कहना है कि पेपर सबसे पहले झारखंड के हजारीबाग में लीक हुआ था और फिर यह बिहार पहुंचा। पहले यह माना गया था कि पेपर सबसे पहले बिहार में लीक हुआ था, जिसके कारण कई गिरफ्तारियां हुई थीं।

CBI की जांच में यह भी पता चला कि लीक में झारखंड के एक प्रमुख स्कूल का भी संबंध है और इसमें “सॉल्वर गैंग” भी शामिल था।

सुप्रीम कोर्ट ने नीट विवाद की अगली सुनवाई 18 जुलाई को तय की है। पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर पूरी प्रक्रिया प्रभावित होती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। कोर्ट ने एनटीए और सीबीआई से पेपर लीक के समय और तरीके के अलावा गलत काम करने वालों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हमें समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे समस्या और बढ़ सकती है।

सीबीआई ने बताया कि नीट-यूजी प्रश्नपत्रों के नौ सेट परीक्षा तिथि (5 मई) से दो दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में भेजे गए थे। इनमें से दो सेट हजारीबाग के ओएसिस स्कूल परीक्षा केंद्र में भेजे गए थे। लेकिन इनकी सीलें टूटी हुई पाई गईं। ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक और उप-प्राचार्य इम्तियाज आलम ने एनटीए को इस असामान्यता की सूचना नहीं दी। बिहार पुलिस की जांच में पता चला कि हक और आलम पेपर लीक में शामिल थे और उन्होंने 30 उम्मीदवारों को 30-50 लाख रुपये में प्रश्नपत्र बेचे थे।

एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पेपर गायब होने का कोई सबूत नहीं है। एनटीए का कहना है कि किसी भी ट्रंक में प्रश्नपत्र गायब नहीं पाया गया। सभी प्रश्नपत्रों का एक विशिष्ट क्रमांक होता है और उन्हें एक विशेष अभ्यर्थी को सौंपा जाता है। एनटीए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में कोई प्रतिकूल बात नहीं मिली और कमांड सेंटर में सीसीटीवी कवरेज की निगरानी की गई थी।

आईआईटी मद्रास के डेटा विश्लेषण से पता चला है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं है और न ही किसी स्थानीय समूह को लाभ मिला है। उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि आईआईटी मद्रास ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा से संबंधित डेटा का विस्तृत विश्लेषण किया और किसी भी संदिग्ध मामले का पता लगाने के लिए विभिन्न मापदंडों का उपयोग किया।

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