Monday, February 24, 2025

निर्देशक निखिल भट्ट ने स्पष्ट किया कि ‘किल’ हिंसा का महिमामंडन नहीं करती

जबरदस्त एक्शन और खून-खराबे से भरपूर फिल्म ‘किल’ को “भारत में बनी सबसे हिंसक फिल्म” के तौर पर प्रचारित किया गया है, जिससे बहस छिड़ गई है। हालांकि, निर्देशक निखिल भट का कहना है कि फिल्म हिंसा का महिमामंडन नहीं करती; बल्कि इससे जुड़े दर्द और दुख को दिखाती है।

हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में निखिल भट ने बताया कि एक व्यक्तिगत अनुभव ने फिल्म की कहानी को प्रेरित किया। 1994-95 में, जब वह छात्र थे और बॉम्बे जनता एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे, तब ट्रेन पर लुटेरों ने हमला किया। इस घटना ने उन पर गहरा प्रभाव डाला, जिसके कारण उन्होंने 2016 में इस कहानी को लिखा। निखिल ने कहा कि यह कहानी उनके लिए बहुत निजी है और इसमें नुकसान, दर्द, दुख, क्रोध और डर जैसे विषय शामिल हैं। उनका उद्देश्य एक भावनात्मक और कच्ची एक्शन फिल्म बनाना था, जिसे गुनीत मोंगा और करण जौहर के सहयोग से पूरा किया गया।

‘किल’ एक सैनिक की कहानी है, जिसका किरदार लक्ष्य ने निभाया है। जब राघव जुयाल का किरदार उसकी प्रेमिका (तान्या मानिकतला) का अपहरण कर लेता है, तो सैनिक ट्रेन को युद्ध के मैदान में बदल देता है। भट ने स्पष्ट किया कि फिल्म की हिंसक प्रकृति के बावजूद, यह हिंसा का महिमामंडन नहीं करती। इसके बजाय, यह हिंसा के परिणामों पर ध्यान केंद्रित करती है और इसे दर्द, पीड़ा और नुकसान का स्रोत दिखाती है। उनका कहना है कि फिल्म लोगों की रक्षा करने और न्याय की भावना पर जोर देती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हिंसा का जश्न नहीं मनाया जा रहा है, बल्कि इसके विनाशकारी प्रभाव को दिखाया जा रहा है।

इसके अलावा, निखिल भट ने ‘किल’ को सिनेमाघरों में रिलीज़ करने के अपने फैसले पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि डिजिटल प्रीमियर पर कभी विचार भी नहीं किया गया था, क्योंकि उन्हें बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की सफलता पर भरोसा था। उन्होंने ‘एनिमल’, ‘मुंज्या’, ‘12वीं फेल’ और ‘शैतान’ जैसी फिल्मों का उल्लेख किया, जो अपनी मजबूत कहानी और एक्स-फैक्टर के कारण अच्छा प्रदर्शन कर चुकी हैं।

निर्देशक निखिल भट ‘किल’ के स्वागत को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया और दर्शकों के उत्साह पर जोर दिया। उनका मानना है कि फिल्म की दिलचस्प कहानी और जोरदार एक्शन सीन दर्शकों को पसंद आएंगे, इसलिए सिनेमाघरों में रिलीज करना सही विकल्प होगा।

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