नैरोबी में केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो की सरकार द्वारा प्रस्तावित कर सुधारों के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। एमनेस्टी केन्या के अनुसार, पुलिस ने गोलीबारी की जिसमें कम से कम पांच लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
हज़ारों लोग नए वित्त विधेयक को रोकने के लिए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़कर संसद परिसर में प्रवेश किया और भवन के कुछ हिस्सों में आग लगा दी। केन्याई सुप्रीम कोर्ट के पास वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
अधिकार समूहों के मुताबिक, कम से कम 31 लोग घायल हुए हैं। इनमें से “13 को जिंदा गोलियों से, चार को रबर की गोलियों से और तीन लोगों को लॉन्चर कैनिस्टर से मारा गया है,” एमनेस्टी इंटरनेशनल केन्या, केन्या मेडिकल एसोसिएशन, लॉ सोसाइटी ऑफ केन्या और पुलिस रिफॉर्म्स वर्किंग ग्रुप केन्या ने एक संयुक्त बयान में कहा।
रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों की संख्या 13 तक हो सकती है। सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण के भी आरोप लगे हैं। एमनेस्टी केन्या के अनुसार, पिछले पांच दिनों में कम से कम 12 लोगों का अपहरण किया गया है। इंटरनेट शटडाउन की संभावना को लेकर भी चिंताएं हैं।
राष्ट्रपति रुटो ने टेलीविज़न पर अपने संबोधन में दिन की घटनाओं को “देशद्रोहपूर्ण” कहा। उन्होंने कहा, “आज, केन्या अपने लोकतंत्र और कानून के शासन पर अभूतपूर्व हमले का सामना कर रहा है।” उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों का दिखावा करने वाले अपराधियों के एक संगठित समूह ने विरोध प्रदर्शनों को “अपहृत” कर लिया है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए “पूर्ण प्रतिक्रिया” की कसम खाई है कि इस तरह की स्थिति फिर से न हो।
देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए केन्याई रक्षा बलों (केडीएफ) और सैन्य खुफिया (एमआई) कोर को तैनात किया गया है। कैबिनेट रक्षा सचिव अदन डुएल ने आपातकाल की घोषणा की है। इस बीच, केन्या स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को ‘अत्यंत सावधानी’ बरतने और अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी है।