Saturday, December 21, 2024

खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि से घरेलू बजट पर असर

खाद्य तेल कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी के कारण घरेलू बजट पर असर पड़ रहा है। बाजार में तेल की मांग कम हो गई है। वैश्विक कारकों के कारण खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ गई हैं। खाद्य तेलों की कीमतें अब 50 से 70 रुपये प्रति 10 किलोग्राम तक बढ़ गई हैं।

कपास का तेल अब 975 रुपये प्रति 10 किलोग्राम है, जो कीमत तीन महीने पहले 930 रुपये थी। सोयाबीन का तेल भी 910 रुपये से 970 रुपये प्रति 10 किलोग्राम बढ़ गया है। चावल भूसी का तेल अब 890 रुपये से 950 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो गया है।

रूस और यूक्रेन से आये तनाव और सूरजमुखी तेल की कम आपूर्ति के कारण खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि हुई है। यूक्रेन सूरजमुखी तेल का प्रमुख उत्पादक होने के कारण उसकी कीमतों पर असर पड़ा है।

इसके अलावा, अर्जेंटीना में श्रमिकों का विरोधप्रदर्शन और ब्राजील में बाढ़ के कारण सोयाबीन तेल की आपूर्ति पर भी दबाव पड़ा है। इससे सोयाबीन तेल की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में स्थिरता की उम्मीद है। वे उम्मीद करते हैं कि उत्पादन में वृद्धि से आपूर्ति में सुधार होगा और कीमतों में कमी आएगी। सरकारी उपाय भी मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और कृषि क्षेत्र को समर्थन देने में मददगार साबित हो सकते हैं।

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