हरियाणा के हिसार जिले की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जो “ट्रैवल विद जेओ” नामक यूट्यूब चैनल चलाती हैं, को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के दो दिन बाद, हिसार के पुलिस अधीक्षक (SP) शशांक कुमार सावन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
पाकिस्तान और चीन की यात्रा
एसपी सावन ने बताया कि मल्होत्रा ने पहलगाम आतंकी हमले से पहले कई बार पाकिस्तान की यात्रा की थी, साथ ही उन्होंने चीन की भी यात्रा की थी। ये यात्राएं संदिग्ध गतिविधियों से जुड़ी हो सकती हैं, और इस पर जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पीआईओ (पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑफिसर) उन्हें अपनी “संपत्ति” बनाने की कोशिश कर रही थी। यानी, उन्हें भारत में जासूसी करने के लिए भर्ती किया जा रहा था।
पुलिस हिरासत और वित्तीय जांच
मल्होत्रा को 16 मई को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उन्हें 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
एसपी ने कहा कि हरियाणा पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर उनकी आय के स्रोत और वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है। उनकी आमदनी विदेश यात्रा के खर्च को जायज़ नहीं ठहराती, जिससे बाहरी फंडिंग का संदेह पैदा होता है।
पीआईओ से सीधा संपर्क, एन्क्रिप्टेड चैट्स
मल्होत्रा का सीधा संपर्क कई पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों, जिनमें भारत द्वारा “अवांछित व्यक्ति” घोषित लोग भी शामिल हैं, से रहा है।
हालाँकि उनके पास संवेदनशील रक्षा दस्तावेजों तक सीधी पहुँच नहीं थी, लेकिन भारत-पाक तनाव के समय में उनका संवाद “खतरनाक” माना जा रहा है।
एफआईआर के अनुसार, उन्होंने पाकिस्तान में शाकिर और राणा शाहबाज़ नामक सुरक्षा अधिकारियों से मुलाकात की थी और संपर्क में बने रहने के लिए उनके नाम जैसे “जट रंधावा” के रूप में सेव किए थे।
भारत लौटने के बाद, उन्होंने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संपर्क बनाए रखा।
पाकिस्तान उच्चायोग में मुलाकातें
एफआईआर में कहा गया है कि 2023 में वीजा आवेदन के दौरान, वह पाकिस्तान उच्चायोग में एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से मिली थीं। दानिश ने उन्हें अली अहवान से मिलवाया, जिन्होंने उनकी पाकिस्तान यात्रा की व्यवस्था की।
इसके बाद, वह कई बार दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में दानिश से मिलीं।
पुरी यात्रा से जुड़े खुलासे
ओडिशा पुलिस भी इस मामले की जांच में शामिल हो गई है। जानकारी के मुताबिक, मल्होत्रा सितंबर 2024 में पुरी गई थीं और वहां एक महिला से मिलीं, जो हाल ही में पाकिस्तान के करतारपुर साहिब की यात्रा पर गई थी। पुरी एसपी विनीत अग्रवाल ने पुष्टि की कि ओडिशा पुलिस हरियाणा पुलिस को पूर्ण सहयोग दे रही है।
हाई-प्रोफाइल मुलाकातें और सोशल मीडिया जांच
एसपी सावन ने बताया कि मल्होत्रा ने पाकिस्तान में कई हाई-प्रोफाइल लोगों से मुलाकातें कीं। खुफिया एजेंसियां पहले से ही उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही थीं।
अब उनके सोशल मीडिया कंटेंट, संपर्कों, और पोस्ट्स का विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि उनके नेटवर्क और मंशा का पता लगाया जा सके।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और राष्ट्र-विरोधी तत्वों की पहचान
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, राज्य के कई जिलों में राष्ट्र-विरोधी तत्वों की पहचान की गई है। जांच एजेंसियां लगातार ज़िला पुलिस इकाइयों के साथ समन्वय बनाए हुए हैं।
दानिश को भारत से निष्कासित किया गया
भारत सरकार ने 13 मई को दानिश को “अवांछित व्यक्ति” घोषित किया और उसे 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया। दानिश पर राजनयिक पद का दुरुपयोग कर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
पहले भी हुईं गिरफ्तारियाँ, परिवार का इनकार
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी से एक दिन पहले, कैथल के 25 वर्षीय देवेंद्र सिंह को पीआईओ से संबंध रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उससे पहले, शामली के नौमान इलाही को भी पानीपत से गिरफ्तार किया गया था।
मल्होत्रा के परिवार ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे परिवार को बदनाम करने की साजिश बताया है।
यह मामला देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं, और यह पता लगाना जरूरी होगा कि कहीं इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क तो नहीं छिपा है।

