Monday, May 26, 2025

हार्वर्ड के भारतीय और विदेशी छात्र 3 दिन में 6 शर्तें पूरी होने पर ही रह सकेंगे

अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा लिए गए एक अहम फैसले के चलते, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों का भविष्य संकट में आ गया है। प्रशासन ने हार्वर्ड का स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) सर्टिफिकेशन रद्द कर दिया है, जिससे अब विश्वविद्यालय एफ-1 या जे-1 वीजा पर विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकता। यह फैसला लगभग 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रभावित कर रहा है, जिनमें लगभग 800 छात्र भारत से हैं।

इस कदम के बाद विदेशी छात्रों के सामने केवल दो ही रास्ते बचे हैं—या तो वे किसी अन्य SEVP-प्रमाणित संस्थान में स्थानांतरित हों या फिर अमेरिका में रहने का कानूनी अधिकार खोकर निर्वासन का सामना करें।

हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को 72 घंटे (तीन दिन) का समय दिया है, जिसके भीतर यदि विश्वविद्यालय कुछ सख्त शर्तों को पूरा करता है, तो उसे फिर से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने की अनुमति दी जा सकती है। ये शर्तें मुख्य रूप से पिछले पांच वर्षों में गैर-अमेरिकी छात्रों की गतिविधियों से संबंधित रिकॉर्ड सौंपने से जुड़ी हैं।

सरकार द्वारा निर्धारित छह शर्तें निम्नलिखित हैं:

  1. गैर-कानूनी गतिविधियों का रिकॉर्ड: हार्वर्ड को पिछले पांच वर्षों में किसी भी गैर-अप्रवासी छात्र द्वारा कैंपस के भीतर या बाहर की गई किसी भी अवैध गतिविधि से संबंधित सभी आधिकारिक और अनौपचारिक रिकॉर्ड, इलेक्ट्रॉनिक डेटा, ऑडियो और वीडियो फुटेज जमा करने होंगे।
  2. हिंसक या खतरनाक गतिविधियों का रिकॉर्ड: विश्वविद्यालय को उन सभी घटनाओं का विवरण देना होगा जिनमें किसी गैर-अप्रवासी छात्र ने हिंसक या खतरनाक गतिविधियों को अंजाम दिया हो, चाहे वह कैंपस में हो या बाहर।
  3. धमकी भरी घटनाओं का रिकॉर्ड: पिछले पांच वर्षों में किसी भी विदेशी छात्र द्वारा दूसरे छात्रों या स्टाफ को दी गई किसी भी प्रकार की धमकी से संबंधित सभी डेटा और फुटेज प्रशासन को सौंपनी होगी।
  4. अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित रिकॉर्ड: विश्वविद्यालय को ऐसे सभी रिकॉर्ड उपलब्ध कराने होंगे, जिनमें किसी गैर-अप्रवासी छात्र ने कैंपस या बाहर किसी सहपाठी या कर्मचारी के अधिकारों का उल्लंघन किया हो।
  5. अनुशासनात्मक रिकॉर्ड: पिछले पांच वर्षों में दाखिला लिए सभी विदेशी छात्रों के खिलाफ दर्ज किए गए किसी भी प्रकार के अनुशासनात्मक मामलों का पूरा ब्यौरा देना होगा।
  6. विरोध प्रदर्शन से संबंधित फुटेज: विश्वविद्यालय परिसर में हुए किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन, जो किसी गैर-अप्रवासी छात्र से जुड़े हों, से संबंधित सभी ऑडियो या वीडियो फुटेज को प्रशासन को सौंपना होगा।

यह पूरा मामला ऐसे समय सामने आया है जब ट्रंप प्रशासन हार्वर्ड पर “कैंपस में यहूदी विरोधी भावना” को लेकर पहले से सवाल उठा रहा है। इन शर्तों को पूरा करने की स्थिति में ही हार्वर्ड को अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए SEVP सर्टिफिकेशन बहाल कराने का मौका मिल सकता है।

इस स्थिति ने ना सिर्फ भारत के सैकड़ों छात्रों को चिंता में डाल दिया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका की शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। यदि हार्वर्ड यह रिकॉर्ड प्रदान नहीं करता, तो विदेशी छात्रों को तत्काल प्रभाव से या तो अमेरिका छोड़ना होगा या कानूनी संकट का सामना करना पड़ेगा।

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