Wednesday, July 30, 2025

सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों ने खरीदारों को परेशान किया, लेकिन ETF को दी प्राथमिकता

अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के चलते उपभोक्ताओं की मांग में गिरावट देखी गई है। पीली धातु की कीमतें इतनी ऊंची हो गईं कि कई खरीदारों ने परंपरागत सोने के आभूषण खरीदने से परहेज़ किया। हालांकि, ज्वैलर्स ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मेकिंग चार्ज में छूट, पुरस्कार योजनाएं और आसान बुकिंग विकल्पों जैसे कई ऑफर पेश किए। इसके बावजूद ग्राहकों की खरीदारी में कमी देखी गई। वहीं, गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) की ओर लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा।

अप्रैल की शुरुआत में सोने की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चली गई थीं, जो अब तक का रिकॉर्ड है। बुधवार को, देश के खुदरा बाजारों में सोने की कीमतें 94,000 से 95,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रहीं।

ज्वैलर्स ने इस मूल्य वृद्धि के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू कीं। मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने सोने और जड़ाऊ आभूषणों के मेकिंग चार्ज पर 25% तक की छूट दी। कंपनी के चेयरमैन एमपी अहमद के अनुसार, उन्होंने एडवांस बुकिंग की सुविधा भी दी है, जहां ग्राहक कुल कीमत का केवल 10% डाउन पेमेंट देकर आभूषण बुक कर सकते हैं, और भुगतान बुकिंग की गई कीमत या मौजूदा दर में से जो भी कम हो, उस पर कर सकते हैं।

हैदराबाद के मंगतराय ज्वैलर्स के पार्टनर दर्शन गुप्ता ने बताया कि ग्राहकों का मूड इस बार काफी ‘उदासीन’ रहा। उन्होंने ‘बिना मेकिंग चार्ज’ जैसे ऑफर भी दिए, लेकिन उनके मुताबिक इन प्रयासों के बावजूद बिक्री में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस बार अक्षय तृतीया पर पिछले साल की तुलना में कारोबार करीब 30% तक कम रहने की उम्मीद है।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, वॉल्यूम के लिहाज़ से कारोबार जरूर घटा है, लेकिन कीमतों में वृद्धि के चलते मूल्य के लिहाज़ से बिक्री लगभग समान रही। पूरे देश में करीब 18,000 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 20 टन सोना बिका। सिर्फ मुंबई में ही करीब 2.5 टन सोना बिकने का अनुमान है, जिसकी कुल कीमत लगभग 2,350 करोड़ रुपये रही।

उच्च कीमतों के चलते उपभोक्ता अब अधिक किफायती विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। PC चंद्रा ज्वैलर्स में हल्के सोने और चांदी के आभूषणों की मांग अधिक रही। इसके अलावा, कुछ ग्राहकों ने हीरे के आभूषणों में भी रुचि दिखाई।

जहां एक ओर भौतिक सोने की मांग घटी, वहीं दूसरी ओर ETF की मांग में जबरदस्त उछाल आया। एनएसई पर लगभग 340 करोड़ रुपये के ईटीएफ का कारोबार हुआ, जबकि बीएसई पर लगभग 30 करोड़ रुपये के ईटीएफ खरीदे गए।

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