इंडसइंड बैंक के शेयरों में बुधवार को शुरुआती कारोबार में हल्का उतार-चढ़ाव देखने के बाद तेजी दर्ज की गई, जब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुमंत कठपालिया और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया।
इंडसइंड बैंक के शेयरों ने दिन के दौरान 0.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 810 रुपये प्रति शेयर का स्तर छुआ, हालांकि बाजार खुलने पर इसमें 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, बाद में शेयर में थोड़ी गिरावट आई और यह 0.6 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। उसी समय निफ्टी 50 इंडेक्स में लगभग 0.15 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत से अब तक इंडसइंड बैंक के शेयर अपने हालिया उच्च स्तर 863 रुपये से 6 प्रतिशत से अधिक टूट चुके हैं। मार्च 2025 में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में सामने आई विसंगतियों के कारण बैंक के शेयरों में 30 प्रतिशत से अधिक की बड़ी गिरावट आई थी। कुल मिलाकर इस वर्ष अब तक शेयर में 15.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि इसी दौरान बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स में 4.8 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है।
सेबी का कड़ा कदम: अंदरूनी जानकारी के दुरुपयोग का आरोप
28 मई को जारी एक अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा कि इंडसइंड बैंक के पूर्व CEO सुमंत कठपालिया और चार अन्य अधिकारियों ने ऐसे समय में बैंक के शेयरों में कारोबार किया, जब वे अप्रकाशित मूल्य-संवेदनशील जानकारी (UPSI) के कब्जे में थे। यह सेबी के अंदरूनी व्यापार नियमों का उल्लंघन है।
आदेश में जिन अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं, वे हैं:
- अरुण खुराना (पूर्व कार्यकारी निदेशक और उप CEO),
- सुशांत सौरव (ट्रेजरी संचालन प्रमुख),
- रोहन जथन्ना (जीएमजी संचालन प्रमुख),
- अनिल मार्को राव (उपभोक्ता बैंकिंग संचालन के लिए मुख्य प्रशासनिक अधिकारी)।
सेबी ने यह जांच तब शुरू की जब इसके चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने संकेत दिया कि नियामक इंडसइंड बैंक के वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा किए गए किसी “गंभीर उल्लंघन” की जांच कर रहा है।
सेबी ने पाया कि इन अधिकारियों को कम से कम दिसंबर 2023 से बैंक की वित्तीय विसंगतियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने समय पर इस सूचना को सार्वजनिक नहीं किया। सेबी ने यह भी कहा कि 4 दिसंबर, 2023 को भेजे गए एक ईमेल में शीर्ष अधिकारियों ने स्वीकार किया था कि इन विसंगतियों का “बहुत बड़ा प्रभाव” पड़ेगा।
इंडसइंड बैंक की तिमाही रिपोर्ट: 19 वर्षों में पहली बार घाटा
इंडसइंड बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024–25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) में ₹2,329 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले 19 वर्षों में पहली बार है।
यह घाटा मुख्य रूप से डेरिवेटिव और माइक्रोफाइनेंस सेगमेंट में लेखांकन गड़बड़ियों के कारण हुआ, जिसके चलते बैंक को ₹2,500 करोड़ से अधिक की आय और राजस्व प्रविष्टियों को उलटने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके अलावा, तिमाही में प्रावधानों में भारी बढ़ोतरी भी घाटे की एक अहम वजह रही।
हालांकि Q4 में बैंक को बड़ा घाटा हुआ, फिर भी पूरे वित्तीय वर्ष 2024–25 में बैंक ने ₹2,575 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, जो सालाना आधार पर 71 प्रतिशत की गिरावट है। इस दौरान शुद्ध ब्याज आय (NII) 43 प्रतिशत घटकर ₹3,048 करोड़ रह गई, जबकि अन्य आय में 72 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह ₹709 करोड़ पर आ गई।
विश्लेषकों की राय: स्टॉक को लेकर मिश्रित दृष्टिकोण
ब्लूमबर्ग के अनुसार, इंडसइंड बैंक पर नजर रखने वाले 37 विश्लेषकों में से:
- 20 ने इसे ‘खरीदें’ (Buy) की रेटिंग दी है,
- 15 ने ‘होल्ड’ (Hold) की सलाह दी है,
- जबकि 2 विश्लेषकों ने इसे ‘बेचने’ (Sell) का सुझाव दिया है।
इस घटनाक्रम के बाद बैंक के शेयरों में अल्पकालिक तेजी देखने को मिली, लेकिन निवेशकों और विश्लेषकों के बीच बैंक के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। सेबी की जांच का अंतिम निष्कर्ष और बैंक का अगले कुछ तिमाहियों में प्रदर्शन इसकी दिशा तय करेगा।