बुधवार को भारतीय बाजारों में गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स 461 अंक गिरकर 79,587 पर आ गया, जबकि निफ्टी 50 सूचकांक 0.27 प्रतिशत गिरकर 24,236 पर पहुंच गया।
बीएसई सेंसेक्स में सबसे ज्यादा नुकसान एचडीएफसी बैंक को हुआ। इसके बाद एमएंडएम, टाइटन, टाटा स्टील, पावरग्रिड और अदानी पोर्ट्स के शेयर गिरे। दूसरी तरफ, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और सन फार्मा के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का कहना है कि एफआईआई की बड़ी लॉन्ग पोजीशन और कैश मार्केट में मजबूत खरीदारी से निकट भविष्य में बाजार को सहारा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों से बाजार को एक महत्वपूर्ण ट्रिगर मिल सकता है। अगर आंकड़े श्रम बाजार में नरमी और अर्थव्यवस्था में मंदी दिखाते हैं, तो फेड सितंबर में दरों में कटौती कर सकता है। इसलिए, इस डेटा पर नजर रखनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि 80000 के स्तर पर बाजार में वैल्यूएशन को लेकर कोई सहजता नहीं है। निवेशकों को मौजूदा स्तरों पर मध्यम अवधि में केवल मध्यम रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए। दीर्घकालिक संभावनाएं उज्ज्वल हैं और इसलिए, निवेशक व्यवस्थित निवेश के साथ जारी रह सकते हैं। बाजार में इस मोड़ पर जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर परिसंपत्ति आवंटन रणनीति होनी चाहिए।
एशिया-प्रशांत बाजारों में शुक्रवार को ज्यादातर सकारात्मक रुझान देखने को मिले। जापान के निक्केई 225 ने 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ अपना रिकॉर्ड-तोड़ सिलसिला जारी रखा, जबकि टॉपिक्स सूचकांक में मामूली 0.07 प्रतिशत की गिरावट आई। दक्षिण कोरिया के कोस्पी सूचकांक में 0.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई और छोटे-कैप शेयरों पर ध्यान केंद्रित करने वाले कोसडैक में 0.72 प्रतिशत की बढ़त हुई। ऑस्ट्रेलिया के एसएंडपी/एएसएक्स 200 में 0.04 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई।
अमेरिकी बाजार 04 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बंद रहे।