बेंचमार्क शेयर बाजार सूचकांकों ने सोमवार को शुरुआती बढ़त गंवा दी और अस्थिर सत्र में मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। कारोबार के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी लाभ और हानि के बीच झूलते रहे।
एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 21.85 अंक गिरकर 73,176.25 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 में 5.40 अंकों की गिरावट आई और यह 22,119.30 पर बंद हुआ।
बाज़ार में रिकवरी के संकेत
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने बताया कि बाज़ार ने अपने इंट्राडे लो से धीरे-धीरे रिकवरी की। यह सुधार आर्थिक विकास में मजबूती, उपभोग व्यय में वृद्धि और कृषि क्षेत्र के सकारात्मक प्रदर्शन से प्रेरित रहा, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
उन्होंने कहा, “मूल्यांकन ओवरसोल्ड स्तरों के करीब पहुंच चुका है, जिससे घरेलू संकेतक रिबाउंड की संभावना दर्शा रहे हैं। हालांकि, इस रिकवरी की दीर्घकालिक स्थिरता वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं पर निर्भर करेगी, जो फिलहाल सुधार के सीमित संकेत दे रही हैं।”
शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शेयर
सोमवार को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) 4.57% की बढ़त के साथ शीर्ष प्रदर्शन करने वाला स्टॉक रहा। इसके अलावा, ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने 3.18% की बढ़त दर्ज की, जबकि आयशर मोटर्स में 2.94% की बढ़त रही।
जेएसडब्ल्यू स्टील ने 2.68% की वृद्धि के साथ बाज़ार में मजबूती दिखाई, वहीं भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) 2.23% की बढ़त के साथ लाभ अर्जित करने वालों में शामिल रहा।
गिरावट वाले प्रमुख स्टॉक
बाजार में गिरावट की अगुवाई बजाज ऑटो ने की, जिसमें 2.44% की गिरावट दर्ज की गई। कोल इंडिया के शेयर भी 2.37% की गिरावट के साथ नीचे रहे।
इंडेक्स हैवीवेट रिलायंस इंडस्ट्रीज 2.17% फिसली, जिससे पूरे बाज़ार पर दबाव बढ़ा। बजाज फिनसर्व में 1.73% की गिरावट आई, जबकि एचडीएफसी बैंक के शेयर 1.67% गिरे।
सेक्टोरल प्रदर्शन
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर ने कहा कि “सोमवार को रियल्टी और मेटल सेक्टर ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि मीडिया सेगमेंट में 1% से अधिक की गिरावट देखी गई।”
उन्होंने यह भी बताया कि “विस्तृत बाजार में मिला-जुला प्रदर्शन देखा गया। मिडकैप स्टॉक हरे निशान में बंद हुए और मुख्य सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि स्मॉलकैप स्टॉक फ्रंटलाइन इंडेक्स के अनुरूप ही चले।
कुल मिलाकर, सोमवार का कारोबार अस्थिर रहा, जहां शुरुआती बढ़त गंवाने के बाद बाजार लगभग सपाट बंद हुआ। निवेशकों की नजर अब वैश्विक संकेतकों और आगामी आर्थिक आंकड़ों पर टिकी रहेगी, जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं।