Friday, October 24, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने AGR बकाया माफ करने की याचिकाएं खारिज कीं, टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया में राहत की मांग की थी। कोर्ट ने इन याचिकाओं को “गलत तरीके से प्रस्तुत” बताते हुए सख्त टिप्पणी की।

न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने वोडाफोन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा, “हम इन याचिकाओं को देखकर हैरान हैं। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से ऐसी याचिका की उम्मीद नहीं थी। हम इसे खारिज कर रहे हैं।”

एयरटेल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने पैरवी की, जबकि टाटा टेलीसर्विसेज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कोर्ट में पक्ष रखा।

गौरतलब है कि 2019 के बाद से यह तीसरी बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने इन दूरसंचार कंपनियों की AGR बकाया से जुड़ी याचिका खारिज की है। इससे पहले एक क्यूरेटिव याचिका भी खारिज की जा चुकी है, जो भारत के न्यायिक तंत्र में अंतिम विकल्प मानी जाती है।

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता रोहतगी ने पीठ से आग्रह किया कि याचिका पर जुलाई तक के लिए सुनवाई टाल दी जाए क्योंकि कंपनियां सरकार से बातचीत कर रही हैं। लेकिन न्यायमूर्ति आर. महादेवन ने साफ कहा कि “हमें इससे कोई सरोकार नहीं है,” और पीठ ने बिना देरी किए याचिका खारिज कर दी।

वोडाफोन आइडिया ने अपने AGR बकाया के ब्याज, जुर्माने और जुर्माने पर लगने वाले ब्याज जैसे घटकों में लगभग ₹30,000 करोड़ की छूट मांगी थी।

रोहतगी ने यह भी दलील दी थी कि वोडाफोन आइडिया का अस्तित्व दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने उन क्यूरेटिव याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था, जिसमें 2019 के उस फैसले को वापस लेने की मांग की गई थी, जिसके तहत कंपनियों को दूरसंचार विभाग को ₹1.47 लाख करोड़ रुपये AGR के रूप में चुकाने का आदेश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला टेलीकॉम कंपनियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे उन्हें सरकार से किसी भी प्रकार की राहत मिलने की संभावना खत्म हो गई है।

Latest news
Related news