Friday, October 24, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक सेवा में प्रवेश के लिए तीन साल की कानूनी प्रैक्टिस को अनिवार्य किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में न्यायिक सेवा में प्रवेश लेने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए कम से कम तीन वर्षों की कानूनी प्रैक्टिस को अनिवार्य शर्त के रूप में बहाल कर दिया है। यह फैसला उन याचिकाओं पर आया है जिनमें न्यायिक सेवा की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित अनुभव की आवश्यकता को चुनौती दी गई थी

मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बिना किसी व्यावहारिक अनुभव के सीधे न्यायिक पदों पर नियुक्त किए गए नए कानून स्नातक, न्यायिक व्यवस्था की प्रभावशीलता और गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।

पीठ ने कहा,

“पिछले दो दशकों का अनुभव बताता है कि ऐसे अभ्यर्थी जो एक दिन भी बार में प्रैक्टिस किए बिना सीधे न्यायिक सेवा में शामिल हुए, वे न्यायिक प्रक्रिया में अपेक्षित दक्षता और व्यावहारिक समझ लाने में सफल नहीं रहे। न्यायाधीशों को पहले दिन से ही ऐसे मामलों से निपटना होता है जिनसे नागरिकों का जीवन, स्वतंत्रता, संपत्ति और प्रतिष्ठा जुड़ी होती है। केवल पुस्तक ज्ञान या सेवा-पूर्व प्रशिक्षण, न्यायिक कामकाज की वास्तविकता और अदालत प्रणाली की जमीनी समझ का विकल्प नहीं हो सकता।”

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय भावी रूप से लागू होगा। इसका मतलब है कि अब से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अनिवार्य रूप से तीन वर्ष की सक्रिय कानूनी प्रैक्टिस पूरी करनी होगी।

प्रैक्टिस की गणना कैसे होगी:
प्रैक्टिस की अवधि उम्मीदवार के अनंतिम नामांकन (provisional enrollment) की तारीख से मानी जाएगी। इसके साथ ही, उम्मीदवारों को अपनी तीन साल की कानूनी प्रैक्टिस को प्रमाणित करवाना होगा:

  • एक ऐसे अधिवक्ता से, जिनके पास न्यूनतम 10 वर्षों का अनुभव हो।
  • इसके अतिरिक्त, एक न्यायिक अधिकारी या न्यायालय द्वारा नामित अधिकारी से समर्थन (endorsement) प्राप्त करना भी आवश्यक होगा।

अदालत ने यह भी कहा कि न्यायाधीश का कार्य जटिल और गंभीर होता है। इसके लिए कानून की जमीनी कार्यप्रणाली, मुकदमेबाजी की प्रक्रिया, और अदालत में व्यवहारिक अनुभव का होना जरूरी है।

यह निर्णय देशभर में न्यायिक सेवा की भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करेगा और न्यायिक पदों के लिए ज्यादा अनुभवी और व्यावहारिक रूप से सक्षम उम्मीदवारों के चयन का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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