Tuesday, June 17, 2025

सुनील गावस्कर ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का नाम बदले जाने पर जताई नाराजगी

भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लेकिन इस सीरीज से पहले ही एक विवाद ने तूल पकड़ लिया है। BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) और ECB (इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड) के आपसी सहमति से इस सीरीज का नाम, जो पहले पटौदी ट्रॉफी के नाम से जानी जाती थी, बदलकर अब एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रखा गया है।

इस फैसले ने भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को काफी निराश किया है। उन्होंने इस बदलाव पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और इसे दिवंगत मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान में की गई बड़ी चूक बताया।

गावस्कर ने स्पोर्टस्टार के लिए लिखे अपने कॉलम में कहा,

“हाल ही में यह खबर सामने आई है कि ईसीबी इंग्लैंड और भारत के बीच इंग्लैंड में खेले जाने वाली टेस्ट सीरीज के लिए दी जाने वाली पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने जा रहा है। यह खबर वाकई में परेशान करने वाली है। यह पहली बार है जब किसी खिलाड़ी के नाम पर बनी ट्रॉफी को हटाया जा रहा है। भले ही यह फैसला पूरी तरह EDB का हो, लेकिन यह साफ है कि BCCI को भी इस बारे में जानकारी दी गई होगी। यह फैसला इंग्लैंड और भारत दोनों देशों में पटौदी साहब के क्रिकेट में योगदान के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है।”

उन्होंने आगे कहा कि पटौदी ट्रॉफी न केवल एक नाम थी, बल्कि भारत और इंग्लैंड के बीच ऐतिहासिक रिश्तों और क्रिकेट परंपरा का प्रतीक भी थी। इसे बिना सम्मान के हटाना उन मूल्यों की अनदेखी करना है जो खेल को गौरव प्रदान करते हैं।

गावस्कर ने भविष्य के लिए चेतावनी देते हुए लिखा,

“मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में जब किसी भी क्रिकेटर को उसके नाम पर ट्रॉफी रखने का प्रस्ताव दिया जाए, तो वह समझदारी और विनम्रता से उसे ठुकरा दे। यह न सिर्फ पटौदी साहब और उनके जैसे अन्य महान खिलाड़ियों के सम्मान की बात होगी, बल्कि इस तरह की ट्रॉफियों के साथ होने वाले व्यवहार से भी बचने का तरीका होगा। हाल के खिलाड़ियों के नाम पर आप एक नई ट्रॉफी बना सकते हैं, लेकिन मौजूदा सम्मानित नामों को मिटाना अनुचित है।”

गावस्कर का यह बयान उस भावना को दर्शाता है जो पूर्व खिलाड़ियों के योगदान को सहेजने और सम्मान देने की ज़रूरत पर जोर देता है। ट्रॉफी का यह नाम बदलाव न केवल एक क्रिकेट विवाद है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट इतिहास और उसकी विरासत से जुड़ी भावना का मुद्दा भी बन गया है।

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