छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सुकमा जिले में सोमवार सुबह एक दर्दनाक घटना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) आकाश राव गिरिपिंजे शहीद हो गए। यह घटना उस वक्त हुई जब माओवादियों द्वारा बिछाए गए एक शक्तिशाली प्रेशर IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) में विस्फोट हो गया। विस्फोट में दो अन्य पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
घटना सुकमा जिले के कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास सुबह के समय हुई, जब एएसपी गिरिपिंजे अपनी टीम के साथ एक एहतियाती गश्ती अभियान पर निकले थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह अभियान 10 जून को CPI (माओवादी) द्वारा घोषित भारत बंद को देखते हुए चलाया जा रहा था। गश्त का उद्देश्य माओवादी गतिविधियों की आशंका वाले अति-संवेदनशील इलाके में किसी भी संभावित खतरे को रोकना था।
गश्त के दौरान एक प्रेशर-एक्टिवेटेड IED में विस्फोट हुआ, जिससे ASP आकाश राव गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके साथ मौजूद अन्य जवान भी विस्फोट की चपेट में आ गए। घायल अधिकारियों को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए कोंटा के अस्पताल ले जाया गया। ASP की हालत नाजुक होने के कारण उन्हें एयरलिफ्ट कर उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा में भेजने की कोशिश की गई, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
अधिकारियों ने बताया कि अन्य घायल पुलिसकर्मियों की हालत फिलहाल स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बल पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं। माओवादियों की ओर से बंद का ऐलान किए जाने के बाद सुरक्षाबलों द्वारा पूरे इलाके में सघन तलाशी और गश्ती अभियान चलाया जा रहा था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की है और कहा है कि सुरक्षा बल इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने माओवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान को और अधिक मजबूत और सटीक बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
ASP आकाश राव गिरिपिंजे की शहादत से राज्य पुलिस बल को गहरा आघात पहुंचा है। वे एक साहसी और समर्पित अधिकारी के रूप में जाने जाते थे, जिन्होंने कई बार माओवादी इलाकों में जमीनी स्तर पर काम करते हुए उल्लेखनीय योगदान दिया था।
राज्य सरकार और पुलिस विभाग ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है और उनके परिजनों को हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिया है।

