सोमवार को शुरुआती कारोबार में ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 5.5% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन बाद में तेजी से सुधार हुआ। नवंबर में कंपनी की बिक्री में 33% की भारी गिरावट देखी गई, जो केवल 27,746 यूनिट पर आ गई। यह गिरावट इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को दर्शाती है, जहां टीवीएस और बजाज ऑटो जैसे प्रतिद्वंद्वियों के साथ अंतर कम हो रहा है।
हालांकि, सुबह करीब 11:11 बजे ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में तेजी देखी गई और यह 3.01% बढ़कर 90.05 रुपये पर कारोबार कर रहा था। बिक्री में गिरावट के बावजूद, ओला ने 25.09% बाजार हिस्सेदारी के साथ अपना नेतृत्व बरकरार रखा। यह हिस्सेदारी टीवीएस के 23.55% और बजाज ऑटो के 22.59% से अधिक है। नवंबर में टीवीएस ने 26,036 यूनिट और बजाज ऑटो ने 24,978 यूनिट बेचीं।
ईवी बाजार की स्थिति
अक्टूबर की तुलना में नवंबर में पूरे ईवी बाजार में 18% की गिरावट देखी गई, जो त्योहारी सीजन के बाद की मंदी को दर्शाती है। ओला की बाजार हिस्सेदारी में 2024 के दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। मई में इसकी हिस्सेदारी 49.8% के उच्चतम स्तर पर थी, जो सितंबर में गिरकर 28.6% हो गई और अक्टूबर में त्योहारी ऑफर्स की वजह से बढ़कर 31% पर पहुंच गई।
इस साल अब तक ओला ने 392,176 यूनिट्स की बिक्री के साथ शीर्ष स्थान बनाए रखा है, जो 37% बाजार हिस्सेदारी के बराबर है। टीवीएस 19.5% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि बजाज ऑटो की हिस्सेदारी 16.6% है। एथर एनर्जी की बाजार हिस्सेदारी 11% है, और इसने एक लाख यूनिट की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है।
वित्तीय प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में ओला को 495 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। हालांकि यह पिछले साल के 524 करोड़ रुपये के घाटे से कम है, लेकिन पहली तिमाही के 347 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़ा हुआ है। कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 39% बढ़कर 1,214 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन परिचालन घाटा (EBITDA) बढ़कर 223 करोड़ रुपये हो गया, जो पहली तिमाही में 65 करोड़ रुपये था।
EBITDA मार्जिन में सुधार हुआ है और यह -28.4% पर आ गया, जो एक साल पहले के -46% के मुकाबले बेहतर है। हालांकि, परिचालन स्तर पर चुनौतियां बनी हुई हैं।
शेयर बाजार का प्रदर्शन
ओला के शेयरों में पिछले तीन महीनों में भारी गिरावट आई है। शुक्रवार को इसके शेयर 5.9% गिरकर 87.40 रुपये पर बंद हुए, जबकि सेंसेक्स में 0.96% की बढ़त दर्ज की गई।
बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और परिचालन चुनौतियों के बावजूद, ओला ने अपना नेतृत्व बनाए रखा है। हालांकि, कंपनी को स्थिरता बनाए रखने और अपने वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के लिए रणनीतिक कदम उठाने की आवश्यकता होगी।