सोमवार को कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट देखी गई, क्योंकि आईटी और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में बिकवाली का दबाव रहा।
प्रमुख सूचकांकों की स्थिति
सुबह करीब 9:34 बजे, सेंसेक्स 541.66 अंक यानी 0.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74,769.40 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 158.40 अंक यानी 0.69 प्रतिशत गिरकर 22,637.50 पर था।
- निफ्टी बैंक 447.55 अंक (0.91%) गिरकर 48,533.65 पर था।
- निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 786.75 अंक (1.56%) गिरकर 49,699.45 पर कारोबार कर रहा था।
- निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 273.55 अंक (1.75%) गिरकर 15,363.35 पर था।
गिरावट के पीछे की वजह
विशेषज्ञों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार शुल्कों को लेकर बनी वैश्विक अनिश्चितताओं ने बाजार पर दबाव बढ़ाया है।
निफ्टी के लिए प्रमुख स्तर
नकारात्मक शुरुआत के बावजूद, निफ्टी को 22,700 पर समर्थन मिलने की संभावना है, जिसके बाद 22,600 और 22,500 के स्तर पर सपोर्ट रह सकता है। वहीं, ऊपरी स्तर पर 22,900 तत्काल प्रतिरोध हो सकता है, उसके बाद 23,000 और 23,100 पर अगला प्रतिरोध होगा।
चॉइस ब्रोकिंग के हार्दिक मटालिया के अनुसार, बैंक निफ्टी को 48,500, फिर 48,200 और 47,900 पर समर्थन मिल सकता है। यदि यह ऊपर की ओर बढ़ता है, तो 49,200 प्रमुख प्रतिरोध होगा, उसके बाद 49,500 और 49,700 के स्तर देखे जा सकते हैं।
टॉप लूजर्स और गेनर्स
सेंसेक्स पैक में सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयर:
- जोमैटो
- एचसीएल टेक
- पावरग्रिड
- एनटीपीसी
- इंडसइंड बैंक
- एचडीएफसी बैंक
- टेक महिंद्रा
- टीसीएस
- एसबीआई
- इंफोसिस
सबसे ज्यादा बढ़त वाले शेयर:
- नेस्ले इंडिया
- बजाज फिनसर्व
- सन फार्मा
- आईटीसी
वैश्विक बाजारों की स्थिति
शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 1.69% गिरकर 43,428.02 पर बंद हुआ।
- एसएंडपी 500 1.71% गिरकर 6,013.13 पर बंद हुआ।
- नैस्डैक 2.20% गिरकर 19,524.01 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा। सियोल, चीन, बैंकॉक, जापान, जकार्ता और हांगकांग लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
सोने-चांदी के दाम में उतार-चढ़ाव
वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण पिछले सप्ताह सोने और चांदी में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में लगातार आठवें सप्ताह तेजी देखी गई और यह रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री के अनुसार:
- अमेरिकी सेवा पीएमआई के निराशाजनक आंकड़ों के कारण डॉलर इंडेक्स में मुनाफावसूली देखी गई।
- सेवा पीएमआई 25 महीनों में पहली बार 50 के स्तर से नीचे आ गया।
- अमेरिकी बेरोजगारी दावों में तेजी के कारण डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई।
एफआईआई और डीआईआई का रुख
21 फरवरी को लगातार तीसरे सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुद्ध विक्रेता बने रहे, उन्होंने 3,449.15 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) 13वें दिन शुद्ध खरीदार बने रहे और उन्होंने 2,884.61 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
निष्कर्ष
कमजोर वैश्विक संकेतों, एफआईआई की बिकवाली और अमेरिकी नीतिगत अनिश्चितताओं के चलते भारतीय बाजार दबाव में रहा। निवेशकों को अगले सपोर्ट और रेसिस्टेंस स्तरों पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि बाजार की दिशा वैश्विक घटनाक्रम और निवेशकों की धारणा पर निर्भर करेगी।