Monday, December 23, 2024

शिकागो स्थित स्वास्थ्य फर्म में 1 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी के लिए 2 भारतीय-अमेरिकियों को सजा

शिकागो की एक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप कंपनी के पूर्व अधिकारी, दो भारतीय मूल के लोगों को कंपनी के ग्राहकों, ऋणदाताओं और निवेशकों को धोखा देने के आरोप में सजा सुनाई गई। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, इस धोखाधड़ी में लगभग 1 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में 7500 करोड़ रुपये) शामिल थे।

आरोपियों में आउटकम नामक कंपनी के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ 38 वर्षीय ऋषि शाह और सह-संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष 38 वर्षीय श्रद्धा अग्रवाल शामिल हैं।

एक अन्य आरोपी, 35 वर्षीय ब्रैड पर्डी, जो आउटकम के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी और मुख्य वित्तीय अधिकारी थे, को भी सजा सुनाई गई।

ऋषि शाह को 26 जून को सात वर्ष और छह महीने की जेल की सजा मिली, जबकि श्रद्धा अग्रवाल को 30 जून को तीन साल के लिए अर्धगृह (हाफवे हाउस) में रखने की सजा सुनाई गई। ब्रैड पर्डी को भी 30 जून को दो वर्ष और तीन महीने की जेल की सजा मिली।

आउटकम, जिसकी स्थापना 2006 में हुई थी और जिसे पहले कॉन्टेक्स्ट मीडिया के नाम से जाना जाता था, ने अमेरिका भर में डॉक्टरों के कार्यालयों में टेलीविजन स्क्रीन और टैबलेट लगाए और उन पर विज्ञापन बेचे।

शाह, अग्रवाल और पर्डी ने ग्राहकों को उन विज्ञापनों की बिक्री की, जो कंपनी के पास नहीं थे, और अपने विज्ञापन अभियानों में कम डिलीवरी की। इसके बावजूद, कंपनी ने अपने ग्राहकों को पूरा बिल भेजा।

अदालती दस्तावेजों के अनुसार, तीनों ने कम डिलीवरी को छिपाने के लिए झूठ बोला और दूसरों से भी झूठ बुलवाया। उन्होंने यह दिखाया कि कंपनी ने अपने अनुबंध के अनुसार विज्ञापन सामग्री वितरित की थी।

धोखाधड़ी की यह योजना 2011 से 2017 तक चली और इसके परिणामस्वरूप विज्ञापन सेवाओं के लिए ग्राहकों से लगभग 45 मिलियन डॉलर का अधिक बिल बनाया गया।

आउटकम के विज्ञापन ग्राहकों को कम आपूर्ति के कारण 2015 और 2016 के लिए कंपनी के राजस्व को भी बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया।

अप्रैल 2023 में, एक संघीय जूरी ने शाह, अग्रवाल और पर्डी को दोषी ठहराया। शाह को मेल धोखाधड़ी के पांच मामलों, वायर धोखाधड़ी के 10 मामलों, बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों और धन शोधन के दो मामलों में दोषी ठहराया गया। वहीं, अग्रवाल को मेल धोखाधड़ी के पांच मामलों, वायर धोखाधड़ी के आठ मामलों और बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों में दोषी ठहराया गया। आउटकम के तीन अन्य पूर्व कर्मचारियों ने भी सुनवाई से पहले अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

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