Tuesday, February 25, 2025

शांति वार्ता के बीच रूस-यूक्रेन संघर्ष तीसरे वर्ष में प्रवेश कर गया

रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष अब अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस युद्ध ने न केवल लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डाला है। संघर्ष के चलते हजारों सैनिक और नागरिक हताहत हुए हैं, जबकि लाखों लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं।

यूक्रेन की सेना ने अभूतपूर्व लचीलापन और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है। कई सैनिक जो पहले घायल हो चुके थे, वे पुनर्वास के बाद फिर से युद्ध के मैदान में लौट आए हैं। ऐसा ही एक उदाहरण है आंद्रेई रुबलुक, जो दो साल पहले गंभीर रूप से घायल हो गए थे और अब कृत्रिम अंगों के सहारे फिर से युद्ध में भाग ले रहे हैं। यह यूक्रेनी सेना के मनोबल और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस संघर्ष के बीच यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता की अपनी इच्छा को दोहराया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की लगातार पश्चिमी देशों से सैन्य और आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी सेना रूसी आक्रमण का सामना कर सके।

वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नई शांति रणनीति का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य इस संघर्ष को समाप्त करना है। हालांकि, उनकी योजना को लेकर अभी तक कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई है।

दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध की सालगिरह के अवसर पर अपनी स्थिति को और मजबूत करने की बात कही है। रूस पर लगे वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद, पुतिन इस संघर्ष को जारी रखने की मंशा रखते हैं और इसे रूस के राष्ट्रीय हितों से जोड़ रहे हैं।

इस युद्ध का अंत कब होगा, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह निश्चित है कि यह संघर्ष न केवल रूस और यूक्रेन, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डालता रहेगा।

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