भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच युद्धविराम समझौते की घोषणा करने वाले विदेश सचिव विक्रम मिसरी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने के बाद कई नेताओं और संगठनों ने उनके समर्थन में आवाज उठाई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने NDTV से बातचीत में इस ट्रोलिंग को “बेतुका” करार दिया और मिसरी की राजनयिक सूझबूझ की खुलकर तारीफ की।
शशि थरूर ने NDTV से विशेष साक्षात्कार में कहा,
“मुझे लगता है कि युवा विक्रम मिसरी ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने बहुत मेहनत की है, लंबे समय तक काम किया है और वे भारत के लिए बेहद प्रभावशाली और मेहनती आवाज़ हैं। साथ ही दो महिला अधिकारी – विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी – ने भी बिना किसी उत्तेजना के बहुत ही शांत और पेशेवर ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।”
थरूर ने सवाल उठाया, “आखिर किस बात के लिए उन्हें ट्रोल किया जा रहा है? क्या आलोचक बता सकते हैं कि वे क्या अलग कर सकते थे या बेहतर कर सकते थे?”
गौरतलब है कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने तत्काल प्रभाव से सभी प्रकार की सैन्य शत्रुता – भूमि, वायु और समुद्र पर – रोकने के लिए युद्धविराम समझौते की घोषणा की थी। यह घोषणा सीमा पार चार दिन तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद हुई, जिसने पूरे उपमहाद्वीप को एक गंभीर सैन्य संघर्ष की दहलीज पर ला दिया था।
इस ऐतिहासिक घोषणा को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शनिवार शाम एक प्रेस वार्ता के दौरान सार्वजनिक किया। उन्होंने बताया कि शनिवार दोपहर को भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच एक निर्धारित कॉल के दौरान यह समझौता हुआ।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस वार्ता का अगला दौर 12 मई को दोपहर में होगा।
हालांकि, मिसरी की इस पहल के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक अप्रत्याशित सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि “यह समझौता वाशिंगटन की मध्यस्थता से हुआ है।” इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
वहीं सोशल मीडिया पर विक्रम मिसरी को संगठित ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। ट्रोल्स ने उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाए और यहां तक कि उनके परिवार की निजी जानकारियों को भी सार्वजनिक किया, जिसे नागरिक समाज, पूर्व राजनयिकों और कई राजनेताओं ने कड़ी निंदा की है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) संघ ने एक बयान में कहा,
“हम विदेश सचिव श्री विक्रम मिसरी और उनके परिवार के साथ पूरी एकजुटता से खड़े हैं। सिविल सेवकों पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले बेहद निंदनीय हैं, जो पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।”
“हम सार्वजनिक सेवा की गरिमा बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।”
भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।
“हम विदेश सचिव और उनके परिवार के खिलाफ की गई किसी भी तरह की ट्रोलिंग, दुर्व्यवहार और व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। हम सभी से अपील करते हैं कि वे उनकी देश के प्रति सेवा और योगदान को स्वीकारें और सम्मान बनाए रखें।”
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“विक्रम मिसरी एक सभ्य, ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं, जो देश के लिए लगातार परिश्रम कर रहे हैं। यह समझना ज़रूरी है कि हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं। कार्यपालिका के फैसलों के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।”
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कड़ा बयान जारी किया। उन्होंने कहा:
“ऐसे निराधार और घृणित हमले उन अधिकारियों का मनोबल गिराते हैं, जो खुद को पूरी तरह राष्ट्र सेवा में समर्पित करते हैं। निर्णय लेना सरकार की ज़िम्मेदारी है, व्यक्तिगत अधिकारियों की नहीं।”
“कुछ असामाजिक तत्व खुलेआम अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन न तो भाजपा सरकार और न ही उसके मंत्री इन अधिकारियों के सम्मान की रक्षा के लिए सामने आ रहे हैं या दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पर कोई चर्चा कर रहे हैं।”
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक बयान नहीं जारी किया है, लेकिन पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन राव सहित कई पूर्व राजनयिकों ने इस ट्रोलिंग पर गहरी चिंता जताई है।