Saturday, June 7, 2025

शशि थरूर का अमेरिका में मध्यस्थता के नाम पर दिया बड़ा बयान

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की “मध्यस्थता” का विचार उन आतंकवादियों और उनके पीड़ितों के बीच समानता के प्रयास जैसा है, जिसे भारत कभी स्वीकार नहीं कर सकता। यह बयान उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात के बाद दिया।

भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से रखा गया: थरूर

थरूर, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अमेरिका पहुंचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे, ने कहा कि उन्होंने उपराष्ट्रपति वेंस से हुई मुलाकात में पाकिस्तान के साथ भारत के द्विपक्षीय और सुरक्षा मुद्दों पर भारत की स्थिति बेहद प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत की। थरूर ने दो टूक कहा कि “मध्यस्थता का प्रस्ताव देना आतंकियों को वैधता देने जैसा है और लोकतांत्रिक भारत को उस श्रेणी में रखना, जहां आतंकवाद को पनाह देने वाला देश खड़ा हो, सरासर अनुचित है।”

ट्रंप की मध्यस्थता पेशकश के संदर्भ में बयान

थरूर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका से दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच व्यापक वार्ता की सुविधा प्रदान करने की अपील की थी।

‘वेंस ने हमारी बातों को पूरी तरह समझा’

शशि थरूर ने बैठक को “शानदार” और “बहुत स्पष्ट” बताते हुए कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने न केवल हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र किया, बल्कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत की सैन्य प्रतिक्रिया को भी मजबूती से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “हमने यह बात स्पष्ट की कि कोई भी मध्यस्थता तभी संभव होती है जब दोनों पक्षों को बराबर समझा जाए, जबकि आतंकवादी और उनके पीड़ित कभी बराबर नहीं हो सकते।”

प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा रही ‘वास्तविक सफलता’

थरूर ने पांच दिवसीय अमेरिका दौरे को “वास्तविक कूटनीतिक सफलता” बताया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य दो मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित था—पहला, ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता और उसके पीछे का संदर्भ स्पष्ट करना और दूसरा, दौरे में शामिल देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना।

उन्होंने कहा, “हमने दुनिया के सामने अपनी बात बहुत अच्छे से रखी। भारतीय दूतावासों ने हमारी बहुत मदद की और अमेरिकी सांसदों, थिंक टैंक्स, अधिकारियों और प्रवासी समुदाय से हमारी प्रभावी बैठकों की व्यवस्था की।”

प्रतिनिधिमंडल में कई दलों के सांसद शामिल

थरूर की अगुआई वाले प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल थे, जिनमें सरफराज अहमद, गंटी हरीश, मधुर बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, मिलिंद देवड़ा, तेजस्वी सूर्या और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू भी मौजूद थे।

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल पर निशाना

शशि थरूर ने अमेरिका में उसी समय पहुंचे पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल पर भी तंज कसा, जिसकी अगुआई पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी कर रहे थे। उस प्रतिनिधिमंडल में हिना रब्बानी खार, शेरी रहमान, खुर्रम दस्तगीर खान, जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ जैसे प्रमुख नेता शामिल थे।

थरूर ने कहा, “हमने देखा कि वे केवल ट्वीट कर रहे थे, लेकिन जिनसे वे मिले, उनमें से किसी ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। हमारी बैठकों की सूची उनकी तुलना में कहीं अधिक प्रभावशाली और निर्णायक रही।”

“हम तर्क के स्तर पर कहीं आगे हैं”

थरूर ने कहा, “पाकिस्तान कहता है कि वे निर्दोष हैं और भारत हमलावर है। हमने स्पष्ट किया कि यह सच नहीं है। जब वे कहते हैं कि वे भी आतंकवाद के शिकार हैं, तो हमने यह बताया कि आतंकवाद की जड़ें कहां हैं। हम तर्क के स्तर पर उनसे कहीं आगे हैं।”

घरेलू राजनीति पर चुप्पी

पार्टी के अंदर चल रही राजनीति और मीडिया में हो रही अटकलों पर पूछे गए सवालों पर थरूर ने विदेश में रहते हुए टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने कहा, “जब हम वापस लौटेंगे, तब आंतरिक चर्चा का समय आएगा। अभी मैं कुछ भी अनुमान नहीं लगाना चाहता।”

“देश एकजुट है”

अपने बयान का अंत करते हुए थरूर ने कहा, “इस समय देश एकजुट है और यह एकता हमारे प्रतिनिधिमंडल में स्पष्ट रूप से दिखाई दी। हमने भारत की आवाज़ को मजबूती से अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाया है।”

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