Friday, October 24, 2025

वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद सेंसेक्स में 700 अंकों की छलांग, क्या हैं इसके पीछे के कारण?

मंगलवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। कमजोर वैश्विक संकेतों और भारी विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली के बावजूद, बाजार में व्यापक उछाल देखने को मिला। सुबह 10:18 बजे BSE सेंसेक्स 687.83 अंक चढ़कर 81,874.27 पर पहुंच गया, जबकि NSE निफ्टी 50 214.15 अंक उछलकर 24,898.05 के स्तर पर पहुंच गया।

यह तेजी सोमवार को हुई भारी गिरावट के बाद आई है। इस रिबाउंड का मुख्य कारण मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में वैल्यू हंटिंग रहा। वहीं, वैश्विक निवेशकों की सतर्कता बॉन्ड यील्ड में तेजी और अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट को लेकर बनी हुई है।

बावजूद इसके, घरेलू निवेशकों ने इन वैश्विक शोरों को नजरअंदाज करते हुए खरीदारी जारी रखी। विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में यह उछाल वैल्यू हंटिंग और विपरीत दांवों (contrarian bets) में वृद्धि का परिणाम है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर के अनुसार, “हालिया गिरावट, विशेष रूप से मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में, ने इंडेक्स को अहम ट्रेंडलाइन सपोर्ट लेवल तक ला दिया है। बाजार में छिपा हुआ बुलिश डाइवर्जेंस देखने को मिल रहा है, जो आने वाले दिनों में एक ट्रेंड रिवर्सल की शुरुआत कर सकता है।” उन्होंने निफ्टी के लिए ऊपरी स्तर 24,900 और निचले स्तर 24,535 का उल्लेख किया, जबकि बैंक निफ्टी के लिए प्रतिरोध 55,700 और समर्थन 54,550 बताया।

यह उछाल उस समय भी आया है जब बाजार हाल ही में मुनाफावसूली के दौर से गुजरा है, जिसे विश्लेषकों ने काफी देर से हुआ माना। तकनीकी संकेतक अधिक तनाव में आ गए थे, और सुधार ने उन्हें संतुलित करने में मदद की, जिससे कुछ चुनिंदा स्टॉक्स में खरीदारी का अवसर बना।

FII की बिकवाली के बावजूद घरेलू धारणा सकारात्मक
सोमवार को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की FII बिकवाली देखी गई, जो मई में हुई भारी खरीदारी के ठीक विपरीत थी। इसके बावजूद, विशेषज्ञ मानते हैं कि घरेलू नजरिया अभी भी सकारात्मक है।

जियोजित के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा, “FII की बिकवाली भले ही झटका दे रही हो, लेकिन बुनियादी आर्थिक संकेतक अभी भी मजबूत हैं। हम मजबूत Q4 नतीजे, घटती महंगाई और RBI की एक और दर कटौती की संभावना जैसे कारकों का असर देख रहे हैं, जो मझौली अवधि में शेयर बाजार के लिए सहायक हो सकते हैं।”

जोखिम अभी भी बरकरार
हालांकि बाजार में तेजी देखने को मिल रही है, लेकिन कुछ जोखिम कारक अब भी मंडरा रहे हैं। इनमें मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव की आशंका, कुछ भारतीय राज्यों में कोविड मामलों में वृद्धि, और वैश्विक बॉन्ड बाजारों में अस्थिरता शामिल हैं।

जियोजित के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, “अनिश्चितता में वृद्धि बाजारों को अस्थिर कर रही है। अमेरिकी 30-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 5% के स्तर तक पहुंच गया है, और जापानी 30-वर्षीय यील्ड 3.14% को छू रहा है, जो एक दुर्लभ स्थिति है। यह तत्काल प्रभाव नहीं डाल सकता, लेकिन मझौली अवधि के दृष्टिकोण को धुंधला कर सकता है।”

तकनीकी संकेत क्या बता रहे हैं?
तकनीकी रूप से निफ्टी इस समय “मेक-ऑर-ब्रेक” स्तर पर है। सोमवार को 24,870 के ऊपर निकलने से एक अल्पकालिक ट्रेंड बदलाव का संकेत मिला, लेकिन निफ्टी 500 के लगभग 76% स्टॉक्स अभी भी अपने 10-दिवसीय मूविंग एवरेज से ऊपर कारोबार कर रहे हैं, जो और उछाल की संभावना को दर्शाता है। हालांकि, अगर निफ्टी 24,700 के नीचे फिसलता है, तो यह 24,060 तक गिर सकता है।

फिलहाल, बाजार लचीलापन दिखा रहा है और घरेलू निवेशक इसे समर्थन दे रहे हैं। लेकिन जब तक कोई नया ट्रिगर सामने नहीं आता और वैश्विक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं, तब तक यह तेजी स्टॉक-विशेष (stock-specific) रह सकती है। निवेशकों को संभावित समेकन चरण (consolidation phase) को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहना होगा।

Latest news
Related news