Wednesday, June 18, 2025

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी भारत की अर्थव्यवस्था बनी मजबूत, दिखा लचीलापन

दुनिया भर में जारी आर्थिक अनिश्चितताओं और विकसित देशों पर बढ़ते दबाव के बीच भारत की अर्थव्यवस्था ने अपनी मजबूती और लचीलापन साबित किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक व्यापार तनाव, नीति संबंधी अनिश्चितता और कमजोर उपभोक्ता भावना के बावजूद भारत की आर्थिक गतिविधियों ने स्थिरता बरकरार रखी है।

रिजर्व बैंक ने बताया कि हाल ही में टैरिफ में अस्थायी राहत जरूर मिली है, लेकिन समग्र वैश्विक परिदृश्य अब भी कमजोर बना हुआ है। एशियाई देशों समेत उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं व्यापार तनाव, उपभोक्ता विश्वास में कमी और नीतिगत अनिश्चितताओं के चलते विकास में गिरावट का सामना कर रही हैं। इसके साथ ही, वैश्विक वित्तीय बाजारों की अस्थिरता भी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा जोखिम बनकर उभरी है।

भारत बना अपवाद, दिखाया स्थायित्व

इन सभी वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर बनी हुई है। अप्रैल 2025 के उच्च आवृत्ति आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि देश के औद्योगिक और सेवा क्षेत्र दोनों स्थिर बने हुए हैं और उन्होंने अपनी गति को बनाए रखा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “इन चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय लचीलापन प्रदर्शित किया है। अप्रैल के आंकड़े दर्शाते हैं कि उच्च आवृत्ति संकेतकों ने औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में मजबूती को कायम रखा है।”

रिजर्व बैंक ने आगे बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था को मौद्रिक, वित्तीय और राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत स्पष्टता, अनुकूल कारोबारी वातावरण और मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक मूल सिद्धांतों का समर्थन प्राप्त है, जो इसे स्थिर बनाते हैं।

GST संग्रह और कृषि क्षेत्र से मिला बल

अप्रैल में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो देश में मजबूत आर्थिक गतिविधि का संकेतक है। कृषि क्षेत्र से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है, जिसमें रबी फसल का बंपर उत्पादन, गर्मियों की फसलों की बुवाई में वृद्धि और 2025 के लिए अनुकूल मानसून का पूर्वानुमान शामिल है। ये सभी कारक ग्रामीण आय और खाद्य उत्पादन में सुधार लाने में सहायक होंगे।

मुद्रास्फीति और वित्तीय बाजार का रुझान

मुद्रास्फीति के मोर्चे पर भी राहत भरी खबर है। अप्रैल में हेडलाइन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति लगातार छठे महीने गिरावट के साथ जुलाई 2019 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी है।

हालांकि, रिपोर्ट ने यह भी बताया कि अप्रैल में घरेलू वित्तीय बाजारों पर कुछ दबाव जरूर बना रहा, लेकिन मई के उत्तरार्ध में इसमें सुधार देखा गया, जो आगे बेहतर स्थिति की संभावना को दर्शाता है।

वाहन क्षेत्र की स्थिति मिश्रित

ऑटोमोबाइल सेक्टर ने मिश्रित संकेत दिए। अप्रैल में थोक वाहन बिक्री में साल-दर-साल आधार पर 13.3% की गिरावट आई, विशेष रूप से दोपहिया वाहनों में, जिसका मुख्य कारण पिछले साल का उच्च आधार था। हालांकि, ट्रैक्टर की बिक्री मजबूत रही, हालांकि उसमें भी वृद्धि की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी। वाहन पंजीकरण में 2.9% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें परिवहन क्षेत्र में छह महीनों की सबसे तेज बढ़त देखी गई।

भारत बना दीर्घकालिक निवेश का आकर्षक गंतव्य

रिपोर्ट का निष्कर्ष यह रहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं और आर्थिक दबावों के बीच भारत ने एक स्थिर, भरोसेमंद और लचीली अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह दीर्घकालिक निवेश के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक गंतव्य बना हुआ है।

Latest news
Related news