भारत के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के कप्तान अजिंक्य रहाणे की आलोचना की है। उन्होंने रहाणे पर आरोप लगाया कि उन्होंने टीम की ज़रूरतों से ज्यादा खुद को प्राथमिकता दी, जिसकी वजह से केकेआर को हार का सामना करना पड़ा और टीम IPL 2025 से बाहर हो गई। केकेआर को रविवार को नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) से 110 रन से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी।
क्रिकबज से बातचीत में सहवाग ने कहा,
“ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि कप्तान को शीर्ष तीन में बल्लेबाजी करनी ही है।”
उन्होंने आगे उदाहरण देते हुए कहा,
“ऋषभ पंत को देखिए, वह अपने से पहले उन बल्लेबाज़ों को भेजते हैं जो फॉर्म में हैं और इसी रणनीति से दिल्ली को फायदा मिला।”
सहवाग ने ये भी जोड़ा कि केकेआर को भी ऐसा ही करना चाहिए था और यह फैसला पूरी तरह टीम प्रबंधन और कोचिंग स्टाफ की जिम्मेदारी थी। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा,
“देखिए, गुजरात टाइटन्स के खिलाफ सीएसके ने भी बैटिंग ऑर्डर बदला। शिवम दुबे और डेवाल्ड ब्रेविस को ऊपर भेजा गया और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। इसी तरह के बदलाव करने होते हैं।”
गौरतलब है कि इस सीजन में रहाणे ने 13 मैचों में 390 रन बनाए और KKR के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ओपनिंग न करने का फैसला किया, जिसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
रविवार को हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रहाणे ने ओपनिंग न करने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा,
“हां, मैं ओपनिंग करना पसंद करता हूं। मैंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और अन्य फॉर्मेट्स में बतौर ओपनर अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन IPL में यह टीम की ज़रूरतों पर निर्भर करता है।”
उन्होंने आगे बताया कि क्विंटन डी कॉक के ओपनिंग स्लॉट को तय किए जाने और पिछले सीजन में सुनील नरेन की आक्रामक शुरुआतों को देखते हुए उन्होंने और युवा बल्लेबाज़ अंगकृष रघुवंशी ने मध्यक्रम की जिम्मेदारी संभाली।
“हम जीतने वाले संयोजन में ज़्यादा छेड़छाड़ नहीं करना चाहते थे। हमें लगा कि नंबर 3 और 4 हमारे लिए सही स्थान हैं।”
रहाणे ने यह भी स्वीकार किया कि KKR की गेंदबाजी इस सीजन में शानदार रही, लेकिन बल्लेबाजी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।
“यह सीजन हमारे लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा। हमारे पास मौके थे, लेकिन एक इकाई के रूप में हम वह प्रदर्शन नहीं कर पाए जिसकी ज़रूरत थी।”
उन्होंने खासतौर पर पंजाब किंग्स, लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के खिलाफ खेले गए करीबी मुकाबलों का जिक्र करते हुए कहा,
“अगर हम उन मैचों को जीत लेते, तो नतीजे कुछ और हो सकते थे।”
सीजन के अंत में उन्होंने अपनी कप्तानी को लेकर कहा,
“कप्तान के रूप में मैंने देखा कि सभी खिलाड़ियों ने अपना 100% दिया। बतौर डिफेंडिंग चैंपियन मैदान में उतरना कभी आसान नहीं होता, क्योंकि अपेक्षाएं बहुत ज्यादा होती हैं। लेकिन मुझे इस बात की तसल्ली है कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और अगले साल और मज़बूती से वापसी करेंगे।”
जहां एक ओर अजिंक्य रहाणे ने टीम के सामूहिक हित को प्राथमिकता देने की बात कही, वहीं वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि कप्तानी में लचीलापन और रणनीतिक सोच की कमी के कारण टीम को नुकसान उठाना पड़ा। अब देखना होगा कि केकेआर अगले सीजन में इन सीखों को किस तरह अमल में लाता है।

