भारतीय वायुसेना (IAF) ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को आगामी अंतरिक्ष मिशन ‘एक्सिओम-4’ के लिए शुभकामनाएं देते हुए गर्व और सम्मान के साथ बधाई दी है। शुक्ला, जो वर्ष 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे, इतिहास रचने की तैयारी कर रहे हैं।
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने ग्रुप कैप्टन शुक्ला से वीडियो कॉल के माध्यम से संवाद किया और उन्हें “सुरक्षित और सफल अंतरिक्ष यात्रा” के लिए शुभकामनाएं दीं। इस बातचीत की एक झलक भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की, जिसमें एयर चीफ को एक बड़ी स्क्रीन के जरिए शुक्ला से बात करते हुए देखा जा सकता है।

आईएएफ ने अपने संदेश में लिखा,
“ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन के लिए तैयार हैं। वायुसेना प्रमुख और समस्त वायु योद्धा उन्हें तथा मिशन दल के सभी सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक की सुरक्षित और सफल यात्रा के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। यह भारतीय अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा।”
साथ ही उन्होंने अपने संदेश को गर्व के शब्दों में समेटते हुए कहा—“गौरव के साथ आसमान को छूओ!”
11 जून को भारत की अंतरिक्ष छलांग
भारत की यह ऐतिहासिक छलांग 11 जून को पूरी होगी, जब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स के रॉकेट और क्रू ड्रैगन यान के माध्यम से एक्सिओम-4 मिशन के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना होंगे। मिशन पायलट की भूमिका में शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इस मिशन का हिस्सा होंगे—
- डॉ. पैगी व्हिटसन (संयुक्त राज्य अमेरिका से, मिशन कमांडर),
- स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड से, मिशन विशेषज्ञ),
- टिबोर कापू (हंगरी से, मिशन विशेषज्ञ)।
यह मिशन भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष सहयोग का प्रतीक है।
स्पेसएक्स का यह यान अब अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे (सुबह 8:00 बजे ईटी) पर प्रक्षेपित किया जाएगा। हालांकि, पहले यह प्रक्षेपण 10 जून को होना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण इसे एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
एक उत्कृष्ट करियर और अंतरिक्ष की ओर उड़ान
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के तहत प्रशिक्षित होने वाले चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे कम उम्र के हैं। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 17 जून, 2006 को भारतीय वायुसेना में फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था।
शुक्ला एक सम्मानित फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं। उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे कई युद्ध और परिवहन विमानों को उड़ाया है। उनके पास लगभग 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है।
उनकी यह उड़ान न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन है, बल्कि देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का भी स्रोत बनेगी। अंतरिक्ष में उनकी यह ऐतिहासिक उड़ान भारत के लिए गर्व का क्षण होगा और आने वाली पीढ़ियों को स्वप्न देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा देगी।