Sunday, February 23, 2025

वह वर्ष जब भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी साझा की और विवाद हुआ

चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन मुख्य रूप से फंड जुटाने और उन क्षेत्रों में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए किया गया था, जहां इस खेल की पहुंच सीमित थी। 1998 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी के रूप में शुरू हुई यह प्रतियोगिता समय के साथ एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट बन गई। वर्षों के दौरान, इसने दुनियाभर के क्रिकेट प्रशंसकों को कई रोमांचक क्षण दिए और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई।

1998 का पहला संस्करण, जो बांग्लादेश में खेला गया था, ने न केवल टूर्नामेंट को मजबूती दी बल्कि बांग्लादेश क्रिकेट को वैश्विक मंच पर भी स्थापित किया। इसके बाद, बांग्लादेश ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तेजी से प्रगति की और 2007 क्रिकेट विश्व कप में भारत के खिलाफ एक बड़ी जीत दर्ज की, जिसने भारत के उस संस्करण से जल्दी बाहर होने का कारण बना।

भारत ने दो बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है, लेकिन 2002 का संस्करण बेहद अनूठा रहा, क्योंकि भारत को मेजबान श्रीलंका के साथ ट्रॉफी साझा करनी पड़ी। यह एक दुर्लभ मामला था जब फाइनल दो बार खेला गया, लेकिन दोनों ही बार मौसम की वजह से कोई नतीजा नहीं निकल पाया।

फाइनल और बारिश की मार

यह टूर्नामेंट 18 दिनों तक चला और इसमें 12 टीमों ने भाग लिया। लेकिन जब खिताबी मुकाबले की बात आई, तो मानसून की बारिश निर्णायक साबित हुई

पहला फाइनल 29 सितंबर 2002 को खेला गया, जिसमें श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 244/5 का स्कोर खड़ा किया। जब भारत लक्ष्य का पीछा करने उतरा, तो सिर्फ दो ओवरों के बाद बारिश आ गई और मैच पूरा नहीं हो सका।

इसके बाद, मैच को अगले दिन, 30 सितंबर को दोबारा खेला गया, जहां श्रीलंका ने फिर से पहले बल्लेबाजी करते हुए 222/7 रन बनाए। लेकिन इस बार भी बारिश ने खेल बिगाड़ दिया। जब भारत ने 8.4 ओवर में 38/1 का स्कोर बनाया था, तब फिर से बारिश आ गई और मैच रद्द करना पड़ा।

विवाद और आलोचना

दोनों ही दिनों में मैच का कोई नतीजा नहीं निकलने के कारण ट्रॉफी को भारत और श्रीलंका के बीच साझा कर दिया गया। लेकिन इस फैसले को लेकर काफी विवाद हुआ।

  • इस टूर्नामेंट में ‘मैन ऑफ द मैच’ और ‘मैन ऑफ द सीरीज’ पुरस्कार नहीं दिए गए, जिससे प्रशंसकों और विशेषज्ञों में असंतोष बढ़ गया।
  • कई आलोचकों ने मानसून के मौसम में श्रीलंका में इस टूर्नामेंट के आयोजन पर सवाल उठाए।
  • कुछ लोगों का मानना था कि 12 टीमों को (जिसमें नीदरलैंड जैसी टीम भी शामिल थी) टूर्नामेंट में रखने से इसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई।

टूर्नामेंट का प्रभाव

2002 चैंपियंस ट्रॉफी की चर्चा क्रिकेट की गुणवत्ता की बजाय उसके विवादों के लिए ज्यादा की जाती है। यह टूर्नामेंट इतिहास में सबसे असामान्य संस्करणों में से एक माना जाता है, जहां खेल से ज्यादा बारिश और आयोजन से जुड़ी कमियों ने सुर्खियां बटोरीं।

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