Wednesday, May 14, 2025

लखनऊ में सोना ₹1 लाख के पार पहुंचने के बाद ₹96,000 पर आया

बीते कुछ दिनों में लखनऊ के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। 10 ग्राम सोना, जो हाल ही में ₹1 लाख के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया था, अब घटकर ₹96,000 पर आ गया है। बीते पांच दिनों से सोने की कीमत में यह लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। सोमवार को सर्राफा बाजार में 10 ग्राम सोना ₹96,000 में खरीदा गया।

इस गिरावट के कारणों को लेकर सर्राफा व्यापारियों के बीच विभिन्न मत हैं। कुछ का मानना है कि यह अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध के शांत होने के कारण हुआ है, जबकि अन्य इसे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में कमी तथा स्थानीय बाजार में मांग घटने से जोड़ रहे हैं।

इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की निदेशक तान्या रस्तोगी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता, विशेषकर अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक टकराव, सोने और डॉलर की कीमतों को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा, “हाल ही में अमेरिकी डॉलर में गिरावट आई, जबकि सोने में लगभग 7% की तेजी देखी गई। हालांकि, स्विट्जरलैंड में अमेरिका और चीन के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक काफी सकारात्मक रही और इसे एक सफल समझौते के रूप में देखा जा रहा है। फेडरल रिजर्व द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें स्थिर रह सकती हैं। अगर फेड दरों में कटौती करता है, जिसकी संभावना जुलाई की बैठक में जताई जा रही है, तभी कीमतों में पुनः वृद्धि संभव है।”

चौक सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आदेश जैन ने बताया कि 8 मई को सोने की कीमत ₹98,100 प्रति 10 ग्राम थी, जो अब करीब ₹2,000 घट चुकी है। उन्होंने भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में आए बदलाव को इस गिरावट का प्रमुख कारण बताया।

यूपी सर्राफा एसोसिएशन के महासचिव और लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष रवींद्र नाथ रस्तोगी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव में कमी ने भी इस गिरावट में योगदान दिया है। उन्होंने कहा, “संभावना है कि आगामी सप्ताह में भी सोने की कीमतों में गिरावट का रुख बना रहेगा।”

वहीं, अखिल भारतीय आभूषण एवं स्वर्णकार महासंघ के उत्तर प्रदेश समन्वयक विनोद माहेश्वरी ने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ युद्ध की समाप्ति के अलावा, शादी-ब्याह के सीजन में शहर में मांग की कमी भी कीमतों में गिरावट का एक बड़ा कारण है।

सोने की कीमतों में यह उतार-चढ़ाव न केवल अंतरराष्ट्रीय कारकों पर निर्भर करता है, बल्कि घरेलू स्तर पर मांग और राजनीतिक हालात भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। फिलहाल बाजार की नजरें जुलाई में फेडरल रिजर्व की बैठक पर टिकी हैं, जो सोने की कीमतों की आगे की दिशा तय करेगी।

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