Sunday, November 16, 2025

राज्य सरकार ने CJI के दौरों के लिए बनाया नया प्रोटोकॉल, वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य

मुख्य न्यायाधीश (CJI) B. R. गवई के मुंबई दौरे के दौरान शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों की अनुपस्थिति पर व्यक्त की गई नाराज़गी के बाद महाराष्ट्र सरकार ने एक नई दिशा-निर्देश सूची जारी की है। यह प्रोटोकॉल राज्य में CJI की भविष्य की यात्राओं के दौरान अधिकारियों द्वारा अनुसरण किए जाने वाले आधिकारिक शिष्टाचार को सुनिश्चित करेगा।

मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद गवई का यह मुंबई का पहला दौरा था। रविवार को आयोजित एक सम्मान समारोह और राज्य वकील सम्मेलन में उन्होंने इस बात पर निराशा जताई थी कि न तो राज्य के मुख्य सचिव, न पुलिस महानिदेशक और न ही मुंबई पुलिस आयुक्त इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “यदि राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई पुलिस आयुक्त, जो महाराष्ट्र (अमरावती) से ताल्लुक रखने वाले सीजेआई के पहले दौरे पर भी नहीं आना चाहते, तो उन्हें अपने आचरण पर आत्ममंथन करना चाहिए।”

इसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को एक आधिकारिक परिपत्र जारी किया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश के राज्य में दौरे के दौरान पालन किए जाने वाले प्रोटोकॉल को स्पष्ट किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने 2004 और 2022 में जारी प्रोटोकॉल नियमों को दोहराते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को सख्ती से इनका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

CJI को स्थायी राज्य अतिथि का दर्जा

महाराष्ट्र राज्य अतिथि नियम, 2004 के अनुसार, ऐसे गणमान्य व्यक्तियों जिन्हें राज्य अतिथि घोषित किया गया है या जिनका दर्जा वैसा ही माना गया है, उनके स्वागत और विदाई की व्यवस्था राज्य प्रोटोकॉल उपखंड द्वारा की जाती है। जिला स्तर पर यह जिम्मेदारी जिला कलेक्टर के कार्यालय की होती है। अब CJI को महाराष्ट्र में स्थायी राज्य अतिथि घोषित कर दिया गया है।

इसका मतलब है कि CJI को यात्रा के दौरान संपूर्ण राज्य में सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे आवास, वाहन और सुरक्षा प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक या उनके वरिष्ठ प्रतिनिधि को उनका स्वागत करना अनिवार्य होगा। इसी प्रकार, जिलों में यह दायित्व जिला कलेक्टर और पुलिस आयुक्त या अधीक्षक या उनके प्रतिनिधियों पर होगा।

समन्वय अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य

7 मार्च, 2022 को जारी GAD के परिपत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि गणमान्य व्यक्ति की यात्रा के दौरान संबंधित विभाग को एक संपर्क अधिकारी नियुक्त करना चाहिए ताकि समन्वय और स्वागत की प्रक्रिया को सुचारु रूप से अंजाम दिया जा सके। मुंबई में CJI की यात्रा के लिए कानून और न्यायपालिका विभाग को ग्रुप-ए स्तर के राजपत्रित अधिकारी को संपर्क अधिकारी के रूप में नियुक्त करने की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य के अन्य जिलों के लिए संबंधित जिला न्यायालयों को जिला कलेक्टरों के साथ समन्वय कर ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी।

इस नए प्रोटोकॉल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के प्रति राज्य का रवैया सम्मानजनक और औपचारिक शिष्टाचार के अनुरूप हो।

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