राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के बीच हुए एक ऐतिहासिक समझौते का जोरदार स्वागत किया है, जिसके तहत भारत और कनाडा ने एक-दूसरे के लिए नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति करते हुए राजनयिक प्रतिनिधित्व को बहाल किया है।
साहनी ने इस पहल को “बहुत आवश्यक पुनर्स्थापन का क्षण” करार देते हुए कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से उन भारतीय नागरिकों, विशेषकर अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को राहत मिलेगी, जो लंबे समय से अपने परिवारों से मिलने और भारत आने-जाने के लिए नियमित और समय पर वीज़ा सेवाओं का इंतजार कर रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि यह कूटनीतिक जुड़ाव न केवल मानवीय पहलू से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका आर्थिक प्रभाव भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। साहनी ने बताया कि वर्ष 2024 में भारत-कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.2 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंच गया था, और कनाडा का भारत में कुल निवेश 55 बिलियन डॉलर से अधिक का आंकड़ा पार कर चुका है। ऐसे में दोनों देशों के बीच सहयोग को और अधिक व्यापक स्तर पर विस्तार देने की संभावनाएं बहुत प्रबल हैं।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह नया सहयोग का दौर भारत और कनाडा के संबंधों को नई ऊर्जा देगा और दोनों देशों के बीच बहुस्तरीय संबंधों को और सशक्त बनाएगा।